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रायगढ़: छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के रायगढ़ जिले में एक राजस्व अधिकारी ने अपने अधीनस्थ अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्होंने अतिक्रमण के एक मामले में मंदिर के पुजारी या प्रबंधन के बजाय मंदिर को नोटिस भेजने पर संबंधित अधिकारी से जवाब मांगा है.
रायगढ़ के उप मंडलीय मजिस्ट्रेट (SDM) युगल किशोर उर्वशा द्वारा नायब तहसीलदार विक्रांत राठौड़ को शनिवार को जारी कारण बताओ नोटिस के अनुसार, मंदिर के पुजारी या उसका प्रबंधन करने वाले लोगों के बजाय मंदिर के नाम पर नोटिस भेजना एकदम गलत है और ऐसे कृत्य बिलकुल भी सही नहीं हैं.
छत्तीसगढ़ के एक कोर्ट में शुक्रवार को भगवान की पेशी हुई थी. यह कारनामा रायगढ़ के राजस्व अधिकारियों की मेहरबानी से हुआ. पहले तो अधिकारियों ने भगवान शंकर को आरोपी बनाकर कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी कर दिया. इसके बाद कोर्ट में हाजिर नहीं होने की हालत में 10 हजार रुपए जुर्माना लगाने की बात कही. अब भगवान स्वयं तो आ नहीं सकते थे, ऐसे में उनके भक्त यानी स्थानीय लोग शिवलिंग ही उखाड़कर कोर्ट में ले आए, लेकिन कोर्ट में भी भगवान को राहत नहीं मिली, क्योंकि तहसीलदार के नहीं मिलने पर कोर्ट ने उन्हें अगली तारीख दे दी.
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दरअसल, रायगढ़ में अवैध कब्जे और निर्माण को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इसी मामले में रायगढ़ तहसील कोर्ट ने सीमांकन दल गठित कर कौहाकुंडा गांव में जांच कराई थी. इसमें कई लोगों के पास अवैध कब्जे मिले. इसके बाद कोर्ट की ओर से 10 लोगों को नोटिस जारी किया गया. कहा गया कि तय तारीख को कोर्ट में हाजिर न होने पर 10 हजार रुपए के अर्थदंड के साथ ही उनको बेदखल किया जा सकता है. वहीं किसी भी तरह के निर्माण पर भी रोक लगा दी गई थी.
(इनपुट: न्यूज़ एजेंसी भाषा के साथ)
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