Trees Fallen: आंधी की चपेट में आए करोड़ों के पेड़, राजधानी में बरसा मौसम का कहर
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Trees Fallen: आंधी की चपेट में आए करोड़ों के पेड़, राजधानी में बरसा मौसम का कहर

Loss Due To Weather: सोमवार को दिल्ली में हुई झमाझम बारिश (Rain) और आंधी से भले ही मौसम ठंडा हो गया हो लेकिन इससे काफी नुकसान भी हुआ है. इस मौसम (Weather) की बदलती करवट ने करोड़ों के पेड़ों (Trees) को जड़ से उखाड़ फेंका. 

Trees Fallen: आंधी की चपेट में आए करोड़ों के पेड़, राजधानी में बरसा मौसम का कहर

Havoc In Capital Delhi: पत्थर के सनम तुझे हमने मोहब्बत का खुदा समझा. पेड़ ने तो पूरी मजबूती से पत्थर (Stone) को भी अपनी जड़ों में समेटने की कोशिश की लेकिन पत्थर आखिर पत्थर होता है. उसमें मिट्टी का अपनापन नहीं आ सकता. इसलिए पत्थरों पर किसी तरह टिके कई पेड़ एक तूफान (Storm) में तबाह हो गए.  

कोर्ट ने कही थी ये बात

एक पेड़ की वैल्यू का हिसाब लगाने के लिए जनवरी 2020 में चीफ जस्टिस एस ए बोबडे (Sharad Arvind Bobde) की एक सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने एक्सपर्ट कमेटी से पेड़ों को कटने के मामले में कहा था कि पेड़ की वैल्यू केवल उससे मिलने वाली लकड़ी से ना लगाई जाए. एक पेड़ साल भर में कितनी ऑक्सीजन (Oxygen) देता है और पर्यावरण को कितने फायदे देता है, इसके आधार पर पेड़ की आर्थिक वैल्यू (Economic Value) का हिसाब लगाया जाए. ये सुनवाई पश्चिम बंगाल में रेलवे लाइन पर 5 ओवर ब्रिज बनाने के लिए 356 पेड़ों को काटे जाने के मामले में की जा रही थी. 

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एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट

एक्सपर्ट कमेटी (Expert Committee) ने फरवरी 2021 में एक रिपोर्ट सबमिट की थी, जिसके मुताबिक पेड़ की उम्र को 74 हजार 500 रुपए से गुणा करके उसकी कीमत (Price) आंकी जा सकती है. यानी अगर कोई 1 वर्ष पुराना पेड़ है तो 74 हजार 500 और 10 साल से ज्यादा पुराना है तो उसकी कीमत 7 लाख 45 हजार है. अगर कोई पेड़ (Tree) 100 वर्षों से ज्यादा टिका है तो उसकी कीमत तकरीबन 1 करोड़ होगी.  

44 करोड़ रुपए का नुकसान!

अब आप सोचिए कि दिल्ली (Delhi) में केवल कल की बारिश में 300 पेड़ गिर गए. अगर हर पेड़ की औसत उम्र 20 वर्ष भी लगा ली जाए तो इस फॉर्मूले के हिसाब से दिल्ली में कल  20 * 74,500 * 300 यानी 44 करोड़ 70 लाख रुपए का नुकसान हो गया. दिल्ली में लुटियंस जोन (Lutyens' Zone) के पेड़ हटाने के लिए एनडीएमसी ने एनडीआरएफ (NDRF) और साउथ एमसीडी से मदद मांगी है. कमेटी ने ये सुझाव भी दिया था कि नए हाईवे बनाने की जगह सरकारों को रेलवे और पानी के वैकल्पिक ट्रांसपोर्ट साधनों को बेहतर करने पर काम करना चाहिए.  

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कमेटी ने दिए थे सुझाव

कमेटी ने सुझावों (Suggestion) में ये भी कहा था कि पेड़ों को काटने की जगह उन्हें रीलोकेट करना चाहिए यानी दूसरी जगह लगा देना चाहिए. एक पेड़ के कटने पर 5 पौधे लगाने के फॉर्मूले (Formula) पर भी कमेटी ने सवाल उठाए थे. कमेटी के मुताबिक 100 वर्ष पुराने पेड़ को काटने के एवज में 5 पौधे (Plants) लगाने से कुछ हासिल नहीं होगा. कमेटी ने सुझाव दिया था कि एक छोटे पेड़ के बदले 10 पौधे, मीडियम पेड़ के बदले 25 और बड़े पेड़ के बदले 50 पौधे लगाने चाहिए.

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