थार रेगिस्तान में 172000 साल पहले बहती थी नदी, शोधकर्ताओं को मिले हैरान करने वाले सबूत
Advertisement
trendingNow1771880

थार रेगिस्तान में 172000 साल पहले बहती थी नदी, शोधकर्ताओं को मिले हैरान करने वाले सबूत

जर्नल क्वाटर्नरी साइंस रिव्यूज (Quaternary Science Reviews) में प्रकाशित परिणामों में मध्य थार रेगिस्तान के नल क्वॉरी में नदी गतिविधि की सबसे पुरानी प्रत्यक्ष तिथि दिखाई गई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: शोधकर्ताओं को 172 हजार साल पहले बीकानेर के पास मध्य थार रेगिस्तान (Thar Desert) में बहने वाली नदी के सबूत मिले हैं. शोधकर्ताओं के अनुसार हो सकता है कि यह नदी आसपास के क्षेत्रों में मानव आबादी के लिए एक जीवन-रेखा रही हो.

  1. 172 हजार साल पहले नदी बहती थी
  2. बीकानेर के पास थार रेगिस्तान में बहती थी नदी
  3. नदी मानव आबादी की जीवन-रेखा रही हो

पहले यहां रहती थी आबादी
जर्नल क्वाटर्नरी साइंस रिव्यूज (Quaternary Science Reviews) में प्रकाशित परिणामों में मध्य थार रेगिस्तान के नल क्वॉरी में नदी की गतिविधियों की सबसे पुरानी प्रत्यक्ष तिथि दिखाई गई है. जर्मनी में द मैक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर द साइंस ऑफ ह्यूमन हिस्ट्री, तमिलनाडु की अन्ना यूनिवर्सिटी और आईआईएसईआर कोलकाता के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन से संकेत मिलता है कि पाषाण युग में उस क्षेत्र में आबादी थी, जो अब थार रेगिस्तान बन चुका है.

172 हजार साल पहले बहती थी नदी
सबूतों से पता चलता है कि लगभग 172 हजार साल पहले राजस्थान (Rajasthan) के बीकानेर में एक नदी बहती थी, जो निकटतम आधुनिक नदी से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर है. शोधकर्ताओ ने कहा है कि ये निष्कर्ष थार रेगिस्तान में आधुनिक नदी और सूख चुकी घग्गर-हकरा नदी की गतिविधियों बारे में सबूत पेश करते हैं.

लोगों की जीवन-रेखा रही होगी नदी
शोधकर्ताओं ने कहा कि मध्य थार रेगिस्तान में बहने वाली नहीं उस समय में आबादी की जीवन-रेखा रही होगी और संभावित रूप से पलायन के लिए महत्वपूर्ण रही होगी. शोधकर्ताओं ने उल्लेख किया है कि थार रेगिस्तान के पहले के निवासियों के लिए 'खोई' नदियों के संभावित महत्व की अनदेखी की गयी है.

शोधकर्ताओं ने पेश किए सबूत
मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट के जिम्बोब ब्लिंकहॉर्न ने कहा, "थार रेगिस्तान का एक समृद्ध प्रागितिहास रहा है और हम सबूतों की एक विस्तृत श्रृंखला पेश कर रहे हैं कि कैसे पाषाण युग में वहां आबादी रहती थी और किस तरह उनकी बस्तियां विकसित हुई होंगी. उन्होंने कहा, "हम जानते हैं कि इस क्षेत्र में रहने वालों के लिए नदियां कितनी महत्वपूर्ण हो सकती हैं, लेकिन प्रागितिहास जैसी प्रमुख अवधि के दौरान नदियों की प्रणाली के बारे में हमें बहुत कम जानकारी है."

रेगिस्तान में था नदियों का घना जाल
शोधकर्ताओं के अनुसार, उपग्रह से मिली तस्वीरों (satellite imagery) के अध्ययन से पता लगता है कि थार रेगिस्तान में बहने वाली नदियों का घना जाल था. अन्ना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हेमा अच्युतान ने कहा, "ये अध्ययन संकेत दे सकते हैं कि अतीत में नदियां और धाराएं कहां बहती थीं, वे हमें यह नहीं बता सकतीं कि कब बहती थीं." उन्होंने कहा, "यह पता लगाने के लिए कि इस तरह के चैनल कितने पुराने हैं, हमें रेगिस्तान के बीच में नदी की गतिविधि के लिए जमीन पर सबूत तलाशने होंगे."

LIVE टीवी

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news