Lumpy Skin Virus: लंपी वायरस का संक्रमण बढ़ने के बाद यह सवाल उठन लगा है कि क्या इस वायरस से संक्रमित गायों का दूध पी सकते हैं या नहीं?
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Lumpy Virus infected Cow Milk: भारत में कोरोना वायरस के बाद लंपी स्किन वायरस (Lumpy Virus) ने भारी तबाही मचाई है और अब तक हजारों गायों को अपनी चपेट में ले चुका है. इस वायरस की वजह से हजारों गाएं दम तोड़ चुकी हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात समेत देश के कई राज्यों के लगभग 250 से ज्यादा जिलों में लंपी के मामले सामने आ चुके हैं.
लंपी वायरस से संक्रमित गाय का दूध पिएं या नहीं?
लंपी वायरस (Lumpy Virus) का संक्रमण बढ़ने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या इस वायरस से संक्रमित गायों का दूध पी सकते हैं या नहीं? इसको लेकर डॉक्टर्स का कहना है कि वायरस का असर दूध में दिखाई देता है, लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है. लंपी वायरस से संक्रमित गायों का दूध इस्तेमाल करने से पहले अच्छी तरह से उबालना बहुत जरूरी है और ऐसा करने से वायरस पूरी तरीके से खत्म हो जाते हैं. इस दूध को पीने से इंसानों को कोई नुकसान नहीं होगा.
क्या इंसानों में फैल सकता है लंपी वायरस?
लंपी वायरस (Lumpy Virus) से संक्रमित पशुओं से इंसानों में बीमारी फैलने का अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन संक्रमित गायों का कच्चा दूध पीना खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए दूध को हमेशा अच्छे से उबालकर पीने की सलाह दी जा रही है. हालांकि, इसको लेकर अभी वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं.
गायों के बछड़े को ना पिलाएं संक्रमित दूध
संक्रमित गायों का दूध खतरनाक हो सकता है, इसलिए गायों के बछड़ों को इससे दूर रखने की सलाह दी जा रही है. डॉक्टर्स का मानना है कि लंबी वायरस से संक्रमित गाय के दूध के सेवन से बछड़ा या बछिया भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. इसलिए ज्यादातर मवेशी डॉक्टर संक्रमित गायों और उनके बच्चों को अलग रखने की सलाह दी है.
लंपी वायरस के क्या हैं लक्षण?
लंपी वायरस (Lumpy Virus) से संक्रमित होने के बाद गायों के शरीर में गांठें बनने लगती हैं, जो उनके सिर, गर्दन और जननांगों के आसपास ज्यादा दिखाई देती हैं. ये गांठे धीरे-धीरे घाव बन जाते हैं और गायों की मौत तक हो जाती है. यह बीमारी एलएसडी वायरस मच्छरों और मक्खियों के काटने से फैलता है. इसके अलावा दूषित पानी, लार और चारे के माध्यम से भी फैल सकता है. इससे बचाव के लिए पशुओं को रखने वाली जगह को साफ रखें और संक्रमित पशुओं से दूर रखें.
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