माछिल फर्जी मुठभेड़ : एक और सैनिक को उम्रकैद
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माछिल फर्जी मुठभेड़ : एक और सैनिक को उम्रकैद

एक सैन्य अदालत ने माछिल फर्जी मुठभेड़ मामले में संलिप्तता को लेकर एक और सैनिक को आजीवन कारावास और उसे सेवा से बर्खास्त करने की सजा सुनाई। नियंत्रण रेखा के पास अप्रैल 2010 में हुयी इस घटना में तीन युवक मारे गये थे।

श्रीनगर : एक सैन्य अदालत ने माछिल फर्जी मुठभेड़ मामले में संलिप्तता को लेकर एक और सैनिक को आजीवन कारावास और उसे सेवा से बर्खास्त करने की सजा सुनाई। नियंत्रण रेखा के पास अप्रैल 2010 में हुयी इस घटना में तीन युवक मारे गये थे।

इस मामले में यह छठी दोषसिद्धि है।

एक शीर्ष सेना अधिकारी ने कहा, ‘ ‘जनरल कोर्ट मार्शल’ (जीसीएम) द्वारा प्रादेशिक सेना (टेरीटोरियल आर्मी) के राइफलमैन अब्बास हुसैन शाह को भी आजीवन कारावास की सजा दी गई और उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।’ बीते वर्ष नवंबर में, दो अधिकारियों सहित पांच जवानों को कुपवाड़ा जिले के माछिल सेक्टर में सुनियोजित मुठभेड़ में तीन युवकों को मार गिराने और उन्हें ‘पाकिस्तानी घुसपैठिये’ करार देने का प्रयास करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

अप्रैल 2010 की घटना का कश्मीर घाटी में भारी विरोध हुआ था जिसके कारण सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनांे को शांत करने के लिए की गई कार्रवाई में करीब 120 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई थी।

जीसीएम द्वारा शाह को पहले दोषमुक्त करार दिया गया था लेकिन उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के सेना मुख्यालय के निर्देशों पर फिर से किये गये कोर्ट मार्शल में उन्हें दोषी ठहराया गया और उम्रकैद की सजा दी गई।

जीसीएम ने कहा कि सेना के इन सभी छह जवानों को सेवा से बख्रास्त किया जाना चाहिए और उनसे पद तथा सभी पेंशन लाभ वापस लिये जाने चाहिए।

सेना अधिकारी ने कहा कि इस मामले को अब सजा की पुष्टि के लिए उत्तरी कमान के सेना मुख्यालय में भेजा जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘उत्तरी कमान मुख्यालय से पुष्टि मिलने के तुरंत बाद सजा अमल में लाई जाएगी।’ शाह के अलावा, कर्नल दिनेश पठानिया, कैप्टन उपेंद्र सिंह, हवलदार देवेंद्र और लांस नायक लक्ष्मी तथा अरूण कुमार इस मामले के अन्य अभियुक्त थे।

 

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