रोज 10 हजार का जुर्माना देने के लिए तैयार रहें.. एक सरकारी आदेश पर मदरसों में मचा हड़कंप
Advertisement
trendingNow11929219

रोज 10 हजार का जुर्माना देने के लिए तैयार रहें.. एक सरकारी आदेश पर मदरसों में मचा हड़कंप

Muzaffarnagar: आरोप है अकेले मुजफ्फरनगर जिले में 100 से अधिक मदरसे बिना उचित कागजात के चलाए जा रहे हैं. प्रदेश में लगभग 24 हजार मदरसे हैं, जिनमें से 16 हजार मान्यता प्राप्त और 8 हजार गैर-मान्यता प्राप्त हैं, जिन मदरसों को नोटिस जारी किया गया है, उन्हें दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया.

रोज 10 हजार का जुर्माना देने के लिए तैयार रहें.. एक सरकारी आदेश पर मदरसों में मचा हड़कंप

UP Basic Education: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के मदरसा सर्वे के बाद एक बार फिर मुजफ्फरनगर के मदरसे चर्चा में है. कारण है कि मुजफ्फरनगर शिक्षा विभाग द्वारा मुजफ्फरनगर के लगभग एक दर्जन से ज्यादा तालीम देने वाले मदरसे को एक नोटिस जारी किया गया है. कहा गया कि बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित होने वाले मदरसों को प्रतिदिन 10 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा. असल में नोटिस में कहा गया कि अगर मदरसा निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के अध्याय-4 की धारा 18 के अनुसार मान्यता प्राप्त है तो मदरसे की मान्यता संबंधित अभिलेखों में तीन दिन के अंदर उपलब्ध कारण बताएं. यदि मदरसा मान्यता प्राप्त नहीं है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. यदि मदरसा खुला पाया गया तो प्रतिदिन 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा. बेसिक शिक्षा विभाग से नोटिस मिलने के बाद सभी मदरसा संचालकों में हड़कंप मच गया है. साथ ही जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर सभी मदरसा संचालकों के साथ मीटिंग भी की गई.

'मुजफ्फरनगर जिले में 100 से अधिक'
दरअसल, बताया गया है कि मदरसा प्रबंधकों को नोटिस भेजे गए हैं. जिला प्रशासन ने कहा है कि अकेले मुजफ्फरनगर जिले में 100 से अधिक मदरसे बिना उचित कागजात के चलाए जा रहे हैं. इनमें से 12 मदरसों को नोटिस भेजा गया कि अगर वे तुरंत बंद नहीं हुए तो प्रतिदिन 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. वहीं प्रदेश में लगभग 24 हजार मदरसे हैं, जिनमें से 16 हजार मान्यता प्राप्त और 8 हजार गैर-मान्यता प्राप्त हैं, जिन मदरसों को नोटिस जारी किया गया है, उन्हें आदेश प्राप्त होने के तीन दिनों के भीतर अपने संबंधित दस्तावेज पेश करने के लिए कहा गया है.

शिक्षा विभाग द्वारा नोटिस
उधर इस आदेश पर जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रदेश सचिव जाकिर हुसैन ने कहा कि मुजफ्फर नगर में चलने वाले धार्मिक मदरसों मे निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है. इन मदरसों में कक्षाओं का भी आयोजन नही किया जाता है. ये मदरसे आज़ादी से भी पहले से चले आ रहे हैं. जो संविधान द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतन्ता के मौलिक अधिकारों के तहत चलाये जाते हैं. इस प्रकार ये मदरसे विद्यालयों की श्रेणी में नहीं आते हैं, किन्तु इन मदरसों को कुछ दिन पूर्व से लगातार शिक्षा विभाग द्वारा नोटिस दिये जा रहे हैं कि उक्त मदरसे मान्यता प्राप्त नहीं हैं.

दस हज़ार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से
उन्होंने यह भी कहा, 'आदेश में कहा गया कि उक्त मदरसे तत्काल बन्द कर दिये जाएं अन्यथा दस हज़ार रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जायेगा. ये नोटिस शिक्षा विभाग द्वारा, निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 18 के अधीन प्रेषित किये जा रहे हैं  जबकि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 की संशोधित अधिनियम 2012 की धारा 2 (5) में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि यह नियम मुस्लिम मदरसों, पाठशालाओं या धार्मिक संस्थानों पर लागू नहीं होता.'

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news