शिवराज सरकार राज्य में आज से 10वीं और 12वीं के सभी स्कूल खोलने जा रही है. ऐसे में छात्रों और अभिभावकों को कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है. पढ़िए पूरी खबर...
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भोपाल: मध्य प्रदेश में कोरोना संकट की वजह बंद किए गए स्कूल आज से फिर खुलेने जा रहे हैं. पहले दिन पेरेंट्स मीटिंग होगी और अभिभावकों की सहमति के बाद ही स्कूलों की कक्षाओं में स्टूडेंट शामिल हो सकेंगे. बैठक में जो भी अभिभावक ना आ सके, उनके साथ ऑनलाइन चर्चा की जाएगी.
10वीं 12वीं के छाक्षों के अभिभावकों के साथ विद्यार्थी के रिवीजन टेस्ट की कॉपी प्राप्त अंकों एवं आगामी बोर्ड परीक्षा की भी चर्चा की जाएगी. जिन विद्यार्थियों के अभिभावकों से पूर्व में सहमति प्राप्त हो चुकी है, उनसे पुनः सहमति की आवश्यकता नहीं होगी. वहीं 9वीं और 11वीं की कक्षाएं खोलने का फैसला पेरेंट्स से चर्चा के बाद लिया जाएगा.
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बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों शिक्षा विभाग और कॉलेजों के साथ बैठक में 18 दिसंबर से 10 वीं और 12 वीं तक स्कूल और कॉलेज खोलने के निर्देश दिए थे. स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी कहा था कि 'कक्षा 10, 12 के छात्रों के लिए स्कूल खोलने का फैसला लिया गया. इससे छात्रों को उनकी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी.
स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी
शिक्षा विभाग ने 15 दिसंबर को स्कूल खोलने वाले अपने दिशा-निर्देशों में बदलाव किया था. इसके तहत जानकारी दी गई थी कि स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं होगी. उनका स्कूल आना अभिभावकों की सहमति पर निर्भर होगा. हालांकि, अभिभावक एक बार सहमति दे देते हैं तो वो पूरे सत्र के लिए मान्य होगी. कोरोना काल में सरकारी स्कूलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती सोशल डिस्टेंसिंग रखना और कैम्पस को सैनिटाइजेशन कराना है.
इन बातों का रखना होगा विशेष ख्याल
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