जबलपुर रेल मंडल के 11 स्टेशनों को ISO सर्टिफिकेट, इन मानकों पर उतरे खरे
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जबलपुर रेल मंडल के 11 स्टेशनों को ISO सर्टिफिकेट, इन मानकों पर उतरे खरे

एनजीटी की टीम ने जबलपुर रेल मंडल के स्टेशनों में पर्यावरण और प्रदूषण कम करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को बेहतर करने के लिए कहा था. एनजीटी के आदेश के बाद ही इन रेलवे स्टेशनों ने बेतहर काम के जरिए आईएसओ का दर्जा हासिल कर लिया.

जबलपुर रेल मंडल के 11 स्टेशनों को ISO सर्टिफिकेट, इन मानकों पर उतरे खरे

कर्ण मिश्रा/जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर रेल मंडल के 11 रेलवे स्टेशन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के मानकों पर खरे उतरे हैं. एनजीटी की टीम ने इन स्टेशनों का निरीक्षण कर यहां पर चल रहे कचरा प्रबंधन से लेकर पर्यावरण को बढ़ाने और प्रदूषण से निपटने के किए जा रहे तमाम उपायों को बेहतर माना है. इसलिए इन स्टेशनों को आईएसओ सर्टिफिकेट 14001:2015 दिया गया है. 

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दरअसल एक वर्ष पहले एनजीटी की टीम ने जबलपुर रेल मंडल के स्टेशनों में पर्यावरण और प्रदूषण कम करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को बेहतर करने के लिए कहा था. एनजीटी के आदेश के बाद ही इन रेलवे स्टेशनों ने बेतहर काम के जरिए आईएसओ का दर्जा हासिल कर लिया. गुरुवार को एनजीटी की टीम ने औचक निरीक्षण कर प्रदूषण नियंत्रण, कचरा प्रबंधन और पर्यावरण को बेहतर बनाने की प्रयासों की समीक्षा की. जिसमें ये स्टेशन खरे उतरे. 

इन रेलवे स्टेशनों को मिला है आईएसओ
एनजीटी की टीम ने कटनी, कटनी मुड़वारा, गाडरवारा, सतना, पिपरिया, सागर, मैहर, नरसिंहपुर, मदनमहल, रीवा, दमोह रेलवे स्टेशन को आईएसओ का दर्जा दिया है. 

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क्या होता है आईएसओ? 
इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स आर्गेनाइजेशन (ISO) एक संस्था है. जो विभिन्न क्षेत्रों के गतिविधियों में मानक स्थापित करने के लिए जवाबदेह है. अंतर्राष्ट्रीय नियमों के अनुसार पर्याप्रण प्रबंधन पद्धति के लिए कई तरह के आईएसओ प्रमाणन और आईएसओ 14001 है. इसको 2015 से उन्नत किया गया है. इसलिए इसके प्रमाणपत्र को आईएसओ 14001: 2015 कहा जाता है. 

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