15 दिन बाद याददाश्त आयी और बताया अपने घर का पता, 12 साल बाद मिला परिवार
Advertisement

15 दिन बाद याददाश्त आयी और बताया अपने घर का पता, 12 साल बाद मिला परिवार

युवक राजेन्द्र के पिता अपने पुत्र को सही सलामत देख कर भावुक हो गये. उन्होंने बताया कि वह बेटे की उम्मीद कब से छोड चुके थे. 

15 दिन बाद याददाश्त आयी और बताया अपने घर का पता, 12 साल बाद मिला परिवार

राजनांदगांव: जिन्दगी के 12 साल गुमनामी में गुजारने के बाद एक शख्स को खुद की पहचान याद आई और वो अपने घर परिवार से मिला. रायपुर का रहने वाला जितेन्द्र नाग विक्षिप्त अवस्था में 12 साल पहले घर से बिना किसी को बताये कहीं निकल पड़ा था. इतने सालों तक वो कहा रहा किसी को  पता नहीं चला. परिजनों ने भी जितेन्द्र की खूब तलाश की आखिर वो भी थक हार कर चुप बैठ गये, लेकिन शुक्रवार को वो अपने बेटे से करीब 12 साल बाद मिले.

CG के इस शहर में गोबर से कंडे के बाद बन रहीं ईंट और लकड़ियां, एक योजना का कमाल

दरअसल राजनांदगांव जिले के खैरागड़ की सड़कों पर गंदे कपड़ो और बड़े हुए बालों वाले विक्षिप्त युवक पर खैरागड़ तालुका जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरालीगल वॉलेंटियर गोकुल दास और मोरध्वज की नजर पड़ी. जहां वो कचरे में पड़ा खराब खाना खा रहा था. जिसके बाद दोनों वॉलेंटियर उसे अस्पताल लेकर गए.

रैफर किया दूसरे अस्पताल
वॉलेंटियर ने उस युवक को पहले खैरागढ़ स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में दाखिल किया लेकिन मानसिक रोगी होने की वजह से खैरागढ़ स्वास्थ्य केन्द्र के डाक्टरों ने उसे राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिये रैफर कर दिया. राजनांदगांव के अस्पताल के मनोरोग विभाग मे डॉक्टर शरद मनोर और डॉक्टर श्राफ ने युवक का उपचार शुरू किया.

इस दिन जारी होगा SSC सीजीएल 2020-21 भर्ती का नोटिफिकेशन, यहां जानें पूरी डिटेल्स

15 दिन बाद याद आया
इलाज के 15 दिनों बाद युवक को खुद के बारे में धीरे-धीरे कुछ याद आने लगा. डॉक्टरों के पूछने पर उसने अपना नाम जितेन्द्र नाग बताया और खुद को रायपुर का निवासी बताया. इसके बाद राजनांदगांव जिलाविधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रवीण मिश्रा ने रायपुर पुलिस से सम्पर्क कर युवक के बताये गए पते के अनुसार परिजनो के बारे मे जानकारी जुटाई तो सही पाई गई. जिसके बाद प्रवीण मिश्रा ने युवक जितेन्द्र के परिजनो को राजनांदगांव बुलाकर सुपुर्द किया.

चलती कार में शराब पीकर स्टंट कर रहे तीन लड़कों पर भड़के IPS,परिवार को भी आईना दिखाया

 

पिता छोड़ चुके थे उम्मीद
युवक राजेन्द्र के पिता अपने पुत्र को सही सलामत देख कर भावुक हो गये. उन्होंने बताया कि वह बेटे की उम्मीद कब से छोड चुके थे. प्राधिकरण ने वाहन की व्यवस्था कर उन्हें रायपुर भिजवाया. राजनांदगांव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रवीण मिश्रा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे वॉलेंटियर्स द्वारा मानव सेवा के लिये अनुकरणीय कार्य किया जा रहा है. उन्होंने आमजनों और मीडिया के लोगों से भी अपील की है कि इस तरह से भटके हुए मानसिक रूप से विक्षित मनोरोगियों के बारे मे हमें जानकारी दें ताकि वे उन्हें उनके परिजनो तक सुरक्षित पहुंचा सकें.

Trending news