MP: स्वच्छता के साथ-साथ अब इंदौर रोड सेफ्टी में भी बनेगा नंबर वन, जानिए कैसे
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MP: स्वच्छता के साथ-साथ अब इंदौर रोड सेफ्टी में भी बनेगा नंबर वन, जानिए कैसे

वर्ल्ड बैंक द्वारा वित्त पोषित एमपीआरसीपी परियोजना के तहत समुदाय की सहभागिता से यातायात को सुरक्षित बनाया जाएगा.

कलेक्टर कार्यालय में आयोजित बैठक में विश्व बैंक से आए दल ने विभिन्न विभागों द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन को देखा.

भोपाल: स्वच्छता के साथ-साथ अब इंदौर रोड सेफ्टी में भी नंबर वन बनेगा. इंदौर का प्रदेश के धार और छिंदवाड़ा के साथ पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चयन हुआ है. वर्ल्ड बैंक द्वारा वित्त पोषित एमपीआरसीपी परियोजना के तहत समुदाय की सहभागिता से यातायात को सुरक्षित बनाया जाएगा. सामुदायिक भागीदारी सड़क सुरक्षा कार्यक्रम को सलाहकार की एक टीम के सहयोग से एक्सीक्यूट किया जाएगा. विश्व बैंक मध्य प्रदेश के इन तीनों जिलों के लिए सात मिलियन डॉलर की सहायता उपलब्ध कराएगा.

कलेक्टर कार्यालय में आयोजित बैठक में विश्व बैंक से आए दल ने विभिन्न विभागों द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन को देखा. बैठक में कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव, डीआईजी रुचिवर्धन मिश्र, राज्य शासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी कुमार सौरभ, प्रोजेक्ट डायरेक्टर पंकज झंवर, विश्व बैंक के सदस्य टी. माइकल, कीर्ति बंसल, विनोद गौतम, एसके मितना और कैरोलिन लोबो उपस्थित थे. बैठक में विभिन्न निर्माण विभागों सहित स्वास्थ्य और यातायात पुलिस के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे.

यहां एडिशनल एसपी यातायात महेंद्र कुमार जैन ने इंदौर में यातायात को बीते साल सुरक्षित बनाए जाने के लिए किए गए उपायों से अवगत कराया. जिसकी विश्व बैंक के प्रतिनिधियों ने सराहना भी की. पंकज झंवर ने बैठक में बताया कि हमारा जोर रोड इंजीनियरिंग के साथ-साथ जागरूकता निर्माण पर भी रहेगा. इंदौर जिले के सभी गांवों में एक मार्ग मित्र का चयन कर जागरूकता का प्रसार किया जाएगा. इंदौर में स्थित ट्रामा सेंटर को और साधन संपन्न बनाया जाएगा तथा चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा.

बैठक में बताया गया कि जहां पर सर्वाधिक दुर्घटनाएं होती है, ऐसे ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित कर लिया गया है. अभी तक 50 ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जा चुका है. इन्हें विश्व बैंक की मदद से सुधारा जाएगा. बैठक में बताया गया कि इंदौर की लगभग 30 लाख की जनसंख्या के साथ लगभग 24 लाख वाहन यहां रजिस्टर्ड हैं. इस तरह प्रत्येक 1.2 व्यक्तियों पर एक वाहन है. फिर भी विगत वर्ष में इंदौर में दुर्घटनाओं पर काफी कमी आई है.

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