sanwer Vidhan Sabha Seat: इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट पर भाजपा की तरफ से तुलसीराम सिलावट और कांग्रेस की तरफ से रीना बौरासी मैदान में हैं. इन दोनों के बीच इस बार बड़ा दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता हैं.
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Sanwer assembly seat: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम की घोषणा हो गई है. जिसमें बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. वहीं इंदौर जिले की सांवरे सीट की बात की जाए तो यहां से तुलसी राम सिलावट ने जीत हासिल कर ली है. कांग्रेस की बेटी रीना बोरासी को हार का सामना करना पड़ा है.
बता दें कि सांवेर सीट भी इंदौर की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है और यहां से कैबिनेट मंत्री तुलसी राम सिलावट विधायक हैं. सिंधिया खेमे से आने वाले तुलसी सिलावट ने सिंधिया के साथ ही उन्होंने भाजपा में अपनी एंट्री ली थी.
2023 में ऐसा रहा परिणाम
बीजेपी- तुलसीराम सिलावट 151048
कांग्रेस- रीना बौरासी दीदी 82194
बीजेपी की 68854 से जीत
जानिए क्यों वीआईपी सीट है सांवेर?
सांवेर विधानसभा इंदौर की 8 विधानसभाओं में से एक है. जहां पर कांग्रेस ने 1962 में पहला चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी. यहां बीजेपी का दबदबा रहा है. बीजेपी ने अबतक 8 बार चुनाव में जीत हासिल की है जबकि कांग्रेस ने 5 बार जीत हासिल की है. तुलसीराम सिलावट ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे करीबी माने जाते हैं. उन्होंने अपना पहला चुनाव 1985 में जीता था. हालांकि 2018 में चुनाव जीतने के बाद वो सिंधिया के साथ बीजेपी में 2020 में शामिल हो गए. यहां हुए उपचुनाव में उन्होंने दिग्विजय सिंह के खास और पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू को हराया था.
जानिए कांग्रेस प्रत्याशी को
कांग्रेस ने इस बार तुलसीराम सिलावट के सामने कांग्रेस नेता प्रेमचंद गुड्डू की बेटी रानी बौरासी पर भरोसा जताया है. वो इस क्षेत्र में काफी टाइम से सक्रिय भी हैं. इसके अलावा रीना बौरासी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान सांसद राहुल गांधी द्वारा की भारत जोड़ो यात्रा को अपनी विधानसभा में नाइट स्टे करवाकर चर्चा में आई थी. रानी ने दावा किया है वो इस सीट से करीब 70 हजार वोटों से जीतेंगी.
जानिए कौन हैं सिलावट
तुलसीराम सिलावट फिलहाल शिवराज सरकार में जल संसाधन मंत्री हैं. इसके अलावा वो ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे करीबी हैं. सिलावट 1982 में नगर निगम इंदौर के पार्षद बने. वे साल 1998 से 2003 में मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे. सिलावट अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष भी रहे हैं. साल 1985 में वे पहली बार विधायक बने. 2007 के उपचुनाव में वो फिर विधायक बने. 2008 में भी उन्होंने तीसरी बार विधायक चुने गए. वर्ष 2018 के विधानसभा निर्वाचन में सिलावट सांवेर (अजा) विधानसभा से चौथी बार विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए. 2020 में हुए उपचुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की.