कुशाभाऊ ठाकरे की जयंती को संगठन पर्व के रूप में मना रही भाजपा, जानिए कौन थे?
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कुशाभाऊ ठाकरे की जयंती को संगठन पर्व के रूप में मना रही भाजपा, जानिए कौन थे?

प्रदेश कार्यालय में आयोजि होने वाले कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सीएम शिवराज, पूर्व सीएम उमा भारती, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे. 

कुशाभाऊ ठाकरे की जयंती को संगठन पर्व के रूप में मना रही भाजपा, जानिए कौन थे?

आकाश द्विवेदी/भोपालः भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कुशाभाऊ ठाकरे की आज जयंती है. ऐसे में भाजपा आज प्रदेश के हर जिले में सुंदरकांड का पाठ करेगी. साथ ही आज कुशाभाऊ ठाकरे का जन्मशताब्दी वर्ष भी है. ऐसे में पार्टी ने इसे संगठन पर्व के रूप में मनाने का फैसला किया है. 

पूरे प्रदेश में होंगे कार्यक्रम
कुशाभाऊ ठाकरे के जन्म को 100 वर्ष पूरे होने पर भाजपा प्रदेश कार्यालय में जन्मशताब्दी समारोह मनाएगी, जिसमें सभी जिले वर्चुअली जुड़ेंगे. प्रदेश के सभी मंडल और बूथ पर कार्यक्रमों का आयोजन होगा. सुबह 9 बजे से सुंदरकांड का पाठ किया जाएगा. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में कुशाभाऊ ठाकरे के जीवन पर आधारित चित्र प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. 

प्रदेश कार्यालय में आयोजि होने वाले कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सीएम शिवराज, पूर्व सीएम उमा भारती, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर समेत बीजेपी के कई बड़े नेता मौजूद रहेंगे. 

भाजपा को दिलाई थी सत्ता
ठाकरे का जन्म मध्य प्रदेश के धार जिले में हुआ था. यही से उन्होंने अपनी शिक्षा हासिल की. कुशाभाऊ ठाकरे साल 1942 में आरएसएस के साथ जुड़े और उसके बाद रतलाम डिवीजन में बतौर प्रचारक काम किया. उस वक्त रतलाम डिवीजन में रतलाम, उज्जैन, मंदसौर, झाबुआ, चित्तूर, कोटा, बूंदी, झालावाड़, बांसवाड़ा, दाहोद आदि जिले आते थे. आज इनमें से कई जिले राजस्थान और गुजरात में जा चुके हैं. 

इसके बाद कुशाभाऊ ठाकरे उज्जैन डिवीजन के संघ प्रचारक बने. इसके बाद उन्हें साल 1998 में भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद भाजपा को सत्ता में लाने में उनकी बड़ी भूमिका रही. इमरजेंसी के दौरान कुशाभाऊ ठाकरे 19 महीने तक जेल में भी रहे थे. साथ ही साल 1979 में खंडवा लोकसभा का उपचुनाव जीतकर संसद भी पहुंचे थे. अपने राजनीतिक जीवन के दौरान कुशाभाऊ ठाकरे पार्टी संगठन में कई अहम पदों पर रहे और अपने रणनीतिक कौशल का परिचय दिया. 28 दिसंबर 2003 को कुशाभाऊ ठाकरे का निधन हुआ था.

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