हाईकोर्ट अपने फैसले में ये भी कहा है कि सरकार को संसद में बिल लाकर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए.
Trending Photos
मृदुल शर्मा/भोपालः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को अपने एक अहम फैसले में कहा कि गोमांस खाना किसी का मौलिक अधिकार नहीं है. जीभ के स्वाद के लिए जीवन का अधिकार नहीं छीना जा सकता. हाईकोर्ट के इस फैसले का मध्य प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने स्वागत किया है.
क्या कहा उषा ठाकुर ने
मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि हम इसका स्वागत करते हैं क्योंकि भारत की पहचान गाय से रही है. भारत की संस्कृति में गाय पूजा जाती रही है और जो फैसला कोर्ट ने दिया है, हम उसका स्वागत करते हैं. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट अपने फैसले में ये भी कहा है कि सरकार को संसद में बिल लाकर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करना चाहिए और उन लोगों के खिलाफ कड़े कानून बनाने होंगे, जो गाय को नुकसान पहुंचाने की बात करते हैं.
'आस्था पर चोट करने से देश कमजोर होता है'
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि भारत में गाय को माता माना जाता है. यह हिंदुओं की आस्था का विषय है. आस्था पर चोट करने से देश कमजोर होता है. कोर्ट ने कहा कि 24 राज्यों में गोहत्या प्रतिबंधित है. एक गाय जीवन काल में 410-440 लोगों का भोजन जुटाती है, जबकि गोमांस से सिर्फ 80 लोगों का पेट भरता है. संविधान में भी गाय के संरक्षण पर बल दिया गया है.
कोर्ट ने ये भी कहा कि पुराने समय में कई मुस्लिम और हिंदू राजाओं ने गोहत्या पर रोक लगाई थी. गाय की महिमा का वेदों-पुराणों में भी बखान किया गया है. कोर्ट ने ये भी कहा कि गाय भारत की संस्कृति है और उसे बचाने का काम हर नागरिक को करना चाहिए. बता दें कि गोहत्या के आरोपी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये बातें कहीं. कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी.