हितेश वाजपेयी ने कहा कि कांग्रेस का व्यवहार गिद्धों की तरह हो गया है. नेमावर और बालाघाट की घटना को लेकर तत्काल कार्रवाई हुई लेकिन कांग्रेस पार्टी शवों पर गिद्ध की तरह चोंच मार रही है.
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प्रमोद शर्मा/भोपालः मध्य प्रदेश में आदिवासियों के मुद्दे पर खूब सियासत हो रही है. सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस एक दूसरे को आदिवासियों की हितैषी पार्टी बताने में जुटी हैं. कांग्रेस बीते दिनों की कुछ घटनाओं को लेकर सरकार पर खासी हमलावर है. अब एक बार फिर बालाघाट में एक आदिवासी लड़की की बेरहमी से हुई हत्या के बाद कांग्रेस पार्टी सरकार पर हमलावर हो गई है.
कांग्रेस ने लगाए ये आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा है कि नेमावर हत्याकांड की जांच सरकार ने सीबीआई से नहीं कराई. साथ ही नीमच में हुई घटना को भाजपा सरकार ने रफा दफा कर दिया. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि प्रदेश में अन्याय हो रहे हैं और आदिवासी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस, आदिवासियों के साथ है.
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा का पलटवार
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने कहा कि कांग्रेस का व्यवहार गिद्धों की तरह हो गया है. नेमावर और बालाघाट की घटना को लेकर तत्काल कार्रवाई हुई लेकिन कांग्रेस पार्टी शवों पर गिद्ध की तरह चोंच मार रही है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के पास मुद्दा नहीं बचा है और सिर्फ कमलनाथ दिल्ली में बैठकर ट्वीट के जरिए सियासी चोंच मार रहे हैं.
बता दें कि मंगलवार को खरगोन जिले में एक आदिवासी व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मौत पर भी खूब बवाल हुआ और गुस्साई भीड़ ने थाने पर पथराव भी किया था. इस घटना को लेकर भी कांग्रेस सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है.
पूर्व सीएम कमलनाथ ने इन घटनाओं पर ट्वीट करते हुए लिखा कि "मध्य प्रदेश में आदिवासी वर्ग पर दमन व उत्पीड़न का काम जारी है. नेमावर, नीमच के बाद अब खरगोन जिले के बिस्टोन थाने में एक आदिवासी व्यक्ति की प्रताड़ना से मौत की जानकारी व बालाघाट जिले में स्कूल जाते समय एक आदिवासी छात्रा की हत्या की खबर...मैं सरकार से मांग करता हूं कि इन दोनों घटनाओं की उच्च स्तरीय जांच हो. दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो, पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद हो और उन्हें न्याय मिले."
इसके अलावा कांग्रेस प्रदेश के कई जिलों में आदिवासी जन अधिकार यात्रा भी निकाल रही है. अपनी इस कोशिश के जरिए पार्टी आदिवासी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने में जुटी है.