मध्य प्रदेश की नंबरिंग प्रणाली कुछ अपवादों के साथ अन्य राज्यों के समान है, जिसके तहत एमपी 01 और एमपी 02 सरकार के लिए आरक्षित हैं, जबकि एमपी 03 पुलिस के लिए आरक्षित है.
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भोपल: मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले सियासत जोरों पर है. कांग्रेस ने बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर मध्य प्रदेश पुलिस की गाड़ी में प्रचार करने का आरोप लगाया है. जिस पर अभी तक बीजेपी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन नंबर लेने के लिए जिस प्रणाली को अपनाया जाता है. उसके मुताबिक, सिंधिया ने वाकई प्रचार के लिए मध्य प्रदेश पुलिस की गाड़ी का इस्तेमाल किया है. आइए रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं कि क्या है मध्य प्रदेश में नंबरिंग प्रणाली, कैसे सरकार, पुलिस और अधिकारियों को दिए जाते हैं नंबर.
सिंधिया ने किया पुलिस की गाड़ी से प्रचार
मध्य प्रदेश की नंबरिंग प्रणाली कुछ अपवादों के साथ अन्य राज्यों के समान है, जिसके तहत एमपी 01 और एमपी 02 सरकार के लिए आरक्षित हैं, जबकि एमपी 03 पुलिस के लिए आरक्षित है. बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रचार के लिए जिस गाड़ी का प्रयोग किया था. उसका नंबर MP 03 A 6271 है. इस नंबर में उपयोग हुए 03 अंक से साफ हो जाता है कि ये पुलिस की गाड़ी है.
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कांग्रेस ने लगाए सिंधिया पर आरोप
नंबरिंग प्रणाली के आधार पर कांग्रेस प्रवक्ता ने अपने ट्वीट में आरो लगाते हुए लिखा था ‘’श्रीअन्त ज्योतिरादित्य सिंधिया जी,आप प्रदेश के DGP, ADG हैं,आइजी हैं या डीआइजी डबरा में किस हैसियत से मप्र पुलिस के वाहन में जनसंपर्क कर रहे हैं?? कहा जाता है आपकी शिक्षा तो विदेशों में हुई है??.विदेशों में शिक्षा हासिल करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया आखिर किस अधिकार से मध्य प्रदेश पुलिस की गाड़ी में प्रचार प्रसार कर रहे हैं.?’’
श्रीअन्त ज्योतिरादित्य सिंधिया जी,आप प्रदेश के DGP, ADG हैं,आइजी हैं या डीआइजी डबरा में किस हैसियत से मप्र पुलिस के वाहन में जनसंपर्क कर रहे हैं?? कहा जाता है आपकी शिक्षा तो विदेशों में हुई है?? @JM_Scindia @JPNadda @ChouhanShivraj @narendramodi @OfficeOfKNath pic.twitter.com/Poe31ibrcv
— KK Mishra (@KKMishraINC) September 12, 2020
सरकारी गड़ियों की नंबर सीरीज मुख्य सचिव के नाम से होती है शुरू
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में सरकारी वाहन की नंबर सीरीज Mp 02 के साथ मुख्य सचिव के नाम से शुरू होती है. जैसे पूर्व मुख्य सचिव बी पी सिंह की आधिकारिक वाहन पंजीकरण संख्या एमपी 02 बीपी थी. 'बीपी' श्रृंखला की पहली संख्या उन्हें आवंटित की गई थी. उनसे पहले एंथोनी डेसी सिंह की पंजीकरण संख्या (एमपी 02 एडी XXXX) थी. डेसी से पहले अधिकांश नए सरकारी वाहनों के पंजीकरण नंबर अवनि वैश यानी 'एवी' के साथ शुरू हुए थे.
साल 2010 से पहले आर परशुराम के समय में नाम के साथ नंबर सिस्टम नहीं था. Mp02 के साथ गाड़ी का नंबर दिया जाता था. गौरतलब है कि एच एस कामत 1956 में राज्य के पहले मुख्य सचिव थे और उन दिनों सरकारी वाहनों के पंजीकरण नंबर "सीपीजेड" थे.
ये है मध्य प्रदेश की नंबरिंग प्रणाली
सरकारी वाहन और पुलिस की गाड़ियों के अलावा आरटीओ के साथ पंजीकृत अन्य वाहन एमपी 04 से शुरू होते हैं. एचसी श्रृंखला न्यायाधीशों को आवंटित वाहनों के लिए आरक्षित है. इसी प्रकार, कृषि प्रयोजनों में उपयोग किए जाने वाले वाहनों की संख्या A - उदाहरण के लिए AA, AB, AC आदि होती है, जबकि बड़ी कारों को B श्रृंखला मिलती है, छोटी कारों को C मिलती है, और विशेष प्रयोजन के वाहनों जैसे एम्बुलेंस और क्रेन को D. मध्यम आकार के परिवहन वाहन मिलते हैं. छोटे लोडिंग वाहन एल, और मोटरसाइकिल एम है.
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