छत्तीसगढ़ में नशे पर सियासत: बीजेपी बोली-उनकी शराब 'शेर छाप' और कांग्रेस की 'कुकुर छाप'
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh772733

छत्तीसगढ़ में नशे पर सियासत: बीजेपी बोली-उनकी शराब 'शेर छाप' और कांग्रेस की 'कुकुर छाप'

छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी इस सीट पर विधायक बनते आए है. और अब उनके निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है. लेकिन उनके परिवार के किसी भी सदस्य को उपचुनाव में अपनी उम्मीदवारी पेश करने की इजाजत नहीं मिली है. 

सांकेतिक तस्वीर

पेंड्रा मरवाहीः मध्य प्रदेश में 28 सीटों के साथ ही छत्तीसगढ़ की मरवाही विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. जिसके लिए वहां के मुख्य दल कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही अपनी-अपनी रैलियां और वादे कर रहे हैं. इसी दौरान बीजेपी और कांग्रेस में नशे पर सियासत शुरू हो गयी है. बीजेपी सरकार में आबकारी मिनिस्टर रहे अमर अग्रवाल ने अपनी शराब को शेर छाप बताते हुए कांग्रेस की शराब को कुकुर छाप बता दिया. 

ये भी पढ़ेंः- विधायक के इस्तीफे पर कांग्रेस बोली- सरकार बचाने को एक और खरीदी, BJP-कमलनाथ ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह

कांग्रेस ने कहा कुकुर छाप असली शराब
पूर्व आबकारी मंत्री द्वारा बीजेपी की शराब को बेहतर बताने पर कांग्रेस के वर्तमान आबकारी मंत्री ने पलटवार किया है. मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि बीजेपी ने 15 सालों तक बाजार में नकली शराब बेची थी. अब जो कांग्रेस कुकुर छाप के बैनर तले शराब बेच रही है, वही सबसे बेहतर है.

ये भी पढ़ेंः- उपचुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, दमोह विधायक ने ली बीजेपी की सदस्यता

शराब ब्रांड के नाम पर शुरू हुई लड़ाई
दरअसल, बीजेपी सरकार के दौरान राज्य में शेर छाप ब्रांड की शराब का वितरण हुआ करता था. तो अब कांग्रेस में कुकुर छाप ब्रांड की शराब का वितरण हो रहा है. आबकारी मंत्री ने बताया कि इससे पहले भी कुकुर छाप ब्रांड की शराब आती थी, और उसका रेट भी अच्छा होता था. दोनों ही नेताओं की शराब को लेकर प्रतिद्वंदिता इस उपचुनाव में हास्यास्पद लग सकती है. लेकिन अब तो यही सच्चाई है, और यही नेता समाज की दिशा को तय करने में लगे हुए है.  

ये भी पढ़ेंः- सिंधिया के गढ़ में गरजेंगे पायलट, कार्यकर्ताओं से बैठक लेंगे और प्रचार भी करेंगे

जोगी के गढ़ में जोगी ही नहीं लड़ेंगे उप चुनाव 
मरवाही विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने डॉ. केके ध्रुव तो बीजेपी ने डॉ. गंभीर सिंह को मैदान में उतारा है. मरवाही विधानसभा सीट, कभी जोगी परिवार के गढ़ में रूप में जानी जाती थी, क्योंकि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से इस सीट अजीत जोगी और अमित जोगी ने ही जीत दर्ज की है. दरअसल, मरवाही सीट, अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. और चुनाव आयोग ने जाति प्रकरण मामले के तहत अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी का नामांकन रद्द कर दिया है. जिससे जोगी परिवार और उनकी पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) इस बार का उपचुनाव नहीं लड़ सकती है.  

WATCH LIVE TV

Trending news