छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर लगातार मांग की जा रही है. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में केंद्र से निवेदन करने के लिए प्रस्ताव लाया गया. सदन में सीएम भूपेश बघेल ने शासकीय संकल्प प्रस्तुत किया. जिसे पूर्ण बहुमत के साथ पारित किया गया.
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रायपुर : छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर लगातार मांग की जा रही है. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में केंद्र से निवेदन करने के लिए प्रस्ताव लाया गया. सदन में सीएम भूपेश बघेल ने शासकीय संकल्प प्रस्तुत किया. जिसे पूर्ण बहुमत के साथ पारित किया गया. इस दौरान सीएम बघेल ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद मंत्रालय में छत्तीसगढ़ी में बात हो रही है. खानपान रहन सहन सबको बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी बोली में ताकत है, भाषा समृद्ध है, यह ढाई करोड़ छत्तीसगढ़ियों के सम्मान का विषय है.
सदन में प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बीजेपी नेता अजय चंद्राकर ने कहा कि 8वीं अनुसूची में किसी भाषा को जोड़ने और काम करने के लिए एक कमेटी बननी चाहिए, जो गृहमंत्रालय से पत्राचार करे. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा का मानकीकरण बस्तर से सरगुजा तक एकरुपता होनी चाहिए. यह भी तय किया जाए कि छत्तीसगढ़ी में संसदीय और असंसदीय शब्द क्या क्या हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि आज तक एमए छत्तीसगढ़ी किए कितने छात्रों को नौकरी मिली
कांग्रेस विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि छ्त्तीसगढ़ी अस्मिता को सीएम बढ़ा रहे हैं. आज तक छत्तीसगढ़ी बोलने में झिझक होती है. वहीं जनता कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि मातृ भाषा स्वाभिमान का प्रतीक है, व्याकरण की दिशा में ध्यान देना चाहिए, इसे पार्टी गत भावना से दूर रखते हुए निर्णय लेना चाहिए.
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आपको बता दें कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. उन्होंने लिखा था कि सीएम बघेल ने लिखा कि राज्य की 2 करोड़ 75 लाख जनता की भावना के अनुरूप आपसे अनुरोध है कि छत्तीसगढ़ी को प्राथमिकता से आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना आवश्यक है. कृपया इस पर विचार करें.