कृषि कानूनों से भगोड़े व्यापारी पर कसा शिकंजा, संपत्ति कुर्क कर 23 किसानों को मिलेंगे 40 लाख
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कृषि कानूनों से भगोड़े व्यापारी पर कसा शिकंजा, संपत्ति कुर्क कर 23 किसानों को मिलेंगे 40 लाख

ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया, ''भितरवार क्षेत्र के बाजना का जो व्यापारी किसानों का पैसा लेकर भागा है, उस पर एफआईआर करा दी गई है, उसकी संपत्ति कुर्क कर किसानों को पैसा दिया जाएगा. व्यापारी पर नए कृषि कानून के तहत कार्रवाई की गई है.''

सांकेतिक तस्वीर.

ग्वालियर: देश की राजधानी दिल्ली में केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान 18 दिनों से धरने पर बैठे हैं. किसानों ने सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर को अपना धरना स्थल बनाया है. वहीं दूसरी ओर इन कानूनों के तहत किसानों का हक मारने वालों के विरुद्ध कार्रवाई भी होने लगी है. मध्य प्रदेश में होशंगाबाद के पिपरिया में धान की बुआई के समय किसानों से किए कॉन्ट्रैक्ट को नहीं मानने पर दिल्ली की राइस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई को दो दिन भी नहीं गुजरे थे कि अग ग्वालियर में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है.

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भगोड़े व्यापारी की संपत्ति कुर्क कर होगी किसानों की भरपाई
ग्वालियर जिले में किसानों की फसल की राशि लेकर फरार हुए व्यापारी और बिचौलियों के खिलाफ केन्द्र सरकार के नए कृषि कानूनों किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 तथा कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है. किसानों की उपज का भुगतान न करके भागे व्यापारी की संपत्ति कुर्क की जाएगी. ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया, ''भितरवार क्षेत्र के बाजना का जो व्यापारी किसानों का पैसा लेकर भागा है, उस पर एफआईआर करा दी गई है, उसकी संपत्ति कुर्क कर किसानों को पैसा दिया जाएगा. व्यापारी पर नए कृषि कानून के तहत कार्रवाई की गई है.''

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ग्वालियर SDM के पास 23 किसानों ने दर्ज कराई थी​ शिकायत
ग्वालियर के बेलगड़ा थाना अंतर्गत आने वाले ग्राम बाजना के 23 किसानों से कारोबारी बलराम परिहार ने धान खरीदी थी. व्यापारी को किसानों को 40 लाख रुपये भुगतान करना था, लेकिन वह 3 दिसंबर 2020 को अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर गांव से फरार हो गया. भगोड़े व्यापारी ने कई किसानों से नकदी रुपए भी कारोबार के नाम पर लिए थे. किसानों ने व्यापारी बलराम परिहार पर यह भी आरोप लगाया कि वह चिटफंड का काम भी करता था. वह प्रतिदिन गांव में रोजमर्रा की मजदूरी करने वाले लोगों से पैसा जमा कराता था और महीने पर जरूरतमंदों को पूरा पैसा देता था.

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भगोड़े व्यापारी के खिलाफ नए कृषि कानूनों के तहत मामला दर्ज
धीरे-धीरे उसने अपनी साख ग्रामीणों के बीच लालच देकर अच्छी बना ली थी. इसी के चलते गांव के किसान उसकी बातों में आ गए और लाखों रुपये की मेहनत से उगाई धान का पैसा गंवा बैठे. धान क्रय करने की रसीदें सभी कृषकों के पास हैं. किसानों ने यह भी बताया कि गांव करीब 42 कृषकों की फसल बलराम परिहार ने खरीदी है और पैसे का भुगतान नहीं किया है. किसानों ने एसडीए डबरा के पास शिकायत कर नए कृषि कानूनों के तहत भगोड़े व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. ग्वालियर जिला प्रशासन से बलराम के विरुद्ध नए कृषि कानूनों के तहत मामला दर्ज कर लिया है. साथ ही व्यापारी को एसडीएम डबरा के सामने उपस्थित होने का नोटिस जारी किया है. 

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