नाबालिगों को लगा कोरोना का टीका, TS सिंह देव ने बताया गंभीर लापरवाही, कहा-होगी कार्रवाई
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नाबालिगों को लगा कोरोना का टीका, TS सिंह देव ने बताया गंभीर लापरवाही, कहा-होगी कार्रवाई

दरअसल, छत्तीसगढ़ में वैक्सिनेशन के दौरान मामला संज्ञान में आया है कि प्रदेश में कुछ निजी अस्पतालों में अप्रशिक्षित स्टाफ द्वारा वैक्सिनेशन कराया जा रहा है. साथ ही कई अस्पतालों में नाबालिगों को भी कोरोना का टीका लगाए जाने की खबर मिली है.

नाबालिगों को लगा कोरोना का टीका, TS सिंह देव ने बताया गंभीर लापरवाही, कहा-होगी कार्रवाई

रायपुर: छत्तीसगढ़ के निजी अस्पतालों में नाबालिगों को टीका लगाए जाने सहित अन्य गड़बड़ियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. मामला संज्ञान में आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव (T. S. Singh Deo) ने कहा है कि ये बेहत ही गंभीर विषय है. इस तरह के मामले जहां भी सामने आएंगे, वहां पर कार्रवाई की जाएगी. वैक्सिनेशन के नाम पर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है. 

CG: निजी अस्पतालों में नाबालिगों को लगा कोरोना का टीका, CHMO ने अस्पतालों को दी चेतावनी

दरअसल, छत्तीसगढ़ में वैक्सिनेशन के दौरान मामला संज्ञान में आया है कि प्रदेश में कुछ निजी अस्पतालों में अप्रशिक्षित स्टाफ द्वारा वैक्सिनेशन कराया जा रहा है. साथ ही कई अस्पतालों में नाबालिगों को भी कोरोना का टीका लगाए जाने की खबर मिली है.  वहीं, इस मामले को लेकर रायपुर की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. मीरा बघेल ने निजी अस्पतालों को पत्र लिखकर चेतावनी दी है. 

CMHO डॉ. मीरा बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि वैक्सीनेशन की निगरानी कर रहे अधिकारियों से पता चला है कि निजी अस्पतालों में ऐसे लोगों को भी टीका लगाया जा रहा है जो इसके पात्र नहीं है. इनमें 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों को टीका लगाने की जानकारी भी पोर्टल से मिली है. जो कि केंद्र सरकार की तरफ से जारी वैक्शीनेशन के दिशा-निर्देशों के उलट है. 

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इसके अलावा अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि समस्त निजी चिकित्सालय, जहां कोविड-19 टीकाकरण केंद्र बनाने की अनुमति दी गई है. वे कोविड-19 केंद्रों में सत्र का संचालन जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुरूप वैक्सिनेशन करें. अगर किसी भी निजी चिकित्सालय द्वारा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते पाया तो उसके टीकाकरण की अनुमति को समाप्त कर दी जाएगी. साथ ही उसके खिलाफ नर्सिंग होम एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.

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