ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस पर कटाक्ष, 'जो G-23 की पीड़ा नहीं समझे, देश का दर्द क्या समझेंगे'
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ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस पर कटाक्ष, 'जो G-23 की पीड़ा नहीं समझे, देश का दर्द क्या समझेंगे'

उन्होंने मोदी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हमारी सरकार ने ​वैश्विक महामारी के बावजूद न सिर्फ रिफॉर्म्स की झड़ी लगाई, बल्कि जरूरतमंदों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सीधे उनकी जेब में पैसे पहुंचाए. 

भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया. (File Photo)

भोपाल: राज्यसभा में बुधवार को वित्त विधेयक (Finance Bill) पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष के सदस्यों ने 15-15 लाख के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की कोशिश की तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मोर्चा संभाला. उन्होंने कहा, ''मेरा मुंह मत खुलवाना. आप 15 लाख की बात करोगे तो मैं महाराष्ट्र की बात करूंगा. पिछले तीन चार दिनों से रिपोर्ट आ रही है आपकी सरकार की कि 100 करोड़ रुपए गृह मंत्री द्वारा लिया जा रहा है.''

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सिंधिया ने कहा, ''गृह मंत्री द्वारा पब और रेस्टोरेंट से वसूली हो रही थी. पहले 100 करोड़ का हिसाब दें. ये तो सिर्फ मुंबई की बात है.'' ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि  सकते, वे देश की जनता का दर्द क्या समझेंगे. उन्होंने मोदी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि हमारी सरकार ने ​वैश्विक महामारी के बावजूद न सिर्फ रिफॉर्म्स की झड़ी लगाई, बल्कि जरूरतमंदों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए सीधे उनकी जेब में पैसे पहुंचाए. 

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सिंधिया ने कहा कि हो सकता है संसाधनों में कुछ कमी रह गई हो, लेकिन हमारी सरकार ने संबल देने में कोई कमी नहीं की. ​व​ह मोदी सरकार की तारीफ में बोल रहे थे तो विपक्षी पार्टियों ने रोक-टोक की. इस पर भाजपा सांसद ने कहा कि जिनके खुद के घर शीशे के हों वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते. विपक्षी ने 'मोदी टैक्स' नाम दिया, जिसपर सिंधिया ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि आयकर में 1 प्रतिशत टैक्स नहीं बढ़ाया गया, 75 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स के बोझ से मुक्त कर दिया गया. स्टार्टअप्स के लिए 1 साल की रियायत दी गई. आमजन के लिए ये है मोदी टैक्स.

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सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी बेचने यानी विनिवेश को लेकर मोदी सरकार पर हमलावर विपक्ष ने 'देश की संपत्ति बेचने' का आरोप लगाया. सिंधिया ने विपक्ष को विनिवेश का मतलब समझाया. उन्होंने कहा कि विनिवेश देश बेचने की नहीं ​बल्कि देश को बढ़ाने और बनाने की नीति है. विनिवेश करने से सामाजिक और भौतिक अधोसंरचना, मानव संसाधन विकास जैसे क्षेत्रों में वृद्धि होगी. 

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