सिंधिया के बिना भी MP में बीजेपी को `बहुमत`, शिवराज के 6, सिंधिया के 13 समर्थक जीते
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सिंधिया के बिना भी MP में बीजेपी को `बहुमत`, शिवराज के 6, सिंधिया के 13 समर्थक जीते

ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद ही बीजेपी मध्य प्रदेश की सत्ता में पहुंची थी. उपचुनाव में सिंधिया के 19 में से 6 समर्थक चुनाव हार गए.

ज्योतिरादित्य सिंधिया

भोपालः मध्य प्रदेश में पहली बार 28 सीटों पर उप चुनाव की जरूरत आई. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ज्योतिरादित्य सिंधिया थे. उन्होंने जब कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामा था, तब 22 और विधायक बीजेपी के साथ हो लिए थे. इनमें 19 सिंधिया समर्थक थे, जबकि तीन विधायकों को बीजेपी ने तोडा था. ये तीन थे बिसाहू लाल सिंह, एदल सिंह कंसाना और हरदीप सिंह डंग. सिंधिया गुट के 19 में से 13 को जनता ने फिर से चुना है, तो वहीं 6 नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है.

बहुमत के करीब बीजेपी 

28 सीटों में से 19 पर सिंधिया तो 9 पर शिवराज गुट के नेताओं को बीजेपी ने मैदान में उतारा था. जिनमें शिवराज के 6 को जनता ने अपने विधायक के रूप में चुना, तो वहीं 3 पर कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की. 230 सदस्यीय मप्र विधानसभा में अब भाजपा 126 सीटों तक पहुंच गई है. जो बहुमत से 11 सीटें ज्यादा हैं. जबकि कांग्रेस 96 सीटों तक पहुंची. बसपा, सपा और निर्दलीय की संख्या 7 है. एक स्थान अभी खाली है.

सिंधिया के बिना बीजेपी 113
मौजूदा 229 सीटों के अनुसार प्रदेश में बहुमत के लिए 115 विधायकों की जरूरत थी. इससे पहले बीजेपी के पास 107, 1 निर्दलीय और 2 बसपा विधायकों का साथ था. शिवराज के 6 विधायकों के बाद उनके पास 113 हो जाते. 3 अन्य विधायकों के सपोर्ट के साथ बीजेपी को अब सिंधिया समर्थकों की भी जरूरत नहीं पड़ती. लेकिन इन सब के बावजूद सरकार को सिंधिया और उनके समर्थकों का साथ चाहिए. यही वजह है कि बीजेपी सरकार में सिंधिया का का कद बढ़ गया है. 

शिवराज के 6 में से 5 ने दर्ज की बड़ी जीत
कांग्रेस से कुल 25 विधायकों ने बीजेपी की सदस्यता ली थी. जिनमें बिसाहू लाल, एदल सिंह और हरदीप सिंह के अलावा मांधाता से नारायण पटेल, बड़ा मलहरा से प्रद्युम्न सिंह लोधी और नेपानगर से सुमित्रा देवी कास्डेकर ने शिवराज के प्रभाव में सदस्यता ली थी. जिनमें से 5 ने बड़ी जीत दर्ज की है.  

1. मांधाता से बीजेपी के नारायण पटेल को 80,394 वोट मिले वहीं कांग्रेस के उत्तम पाल को 58,265 वोट मिले.

2. नेपानगर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी सुमित्रा देवी कास्डेकर ने 26015 वोट से जीत दर्ज की. 

3. बड़ा मलहरा सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह लोधी ने कांग्रेस प्रत्याशी रामसिया भारती 17399 वोटों से हराया.

4. अनूपपुर सीट से बीजेपी के बिसाहूलाल सिंह ने 35180 वोट से जीत दर्ज की. 

5. सुवासरा सीट से पिछले चुनाव में 307 मतों से जीतने वाले हरदीप सिंह डंग ने 29 हजार 440 वोट से चुनाव जीता. 

6. सुमावली से एदल सिंह कंसाना को कांग्रेस के अजब सिंह कुशवाहा ने 10,947 मतों से हराया. 

6 में से 5 सीटों पर इतनी बड़ी जीत दर्ज करना ये साफ कर देता है कि विधानसभा क्षेत्र की जनता ने शिवराज सिंह चौहान पर अपना भरोसा दिखाया है. जबकि सिंधिया समर्थक 6 प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा. जिनमें डबरा से इमरती देवी, दिमनी से गिर्राज डण्डौतियां, ग्वालियर पूर्व से मुन्नालाल गोयल , गोहद से रणवीर जाटव, करैरा से जसवंत जाटव , मुरैना से रघुराज सिंह कंसाना शामिल है. 

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