कमलनाथ सरकार ने दिलाया भरोसा, एक भी अतिथि विद्वान को नहीं किया जाएगा बाहर
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कमलनाथ सरकार ने दिलाया भरोसा, एक भी अतिथि विद्वान को नहीं किया जाएगा बाहर

मंत्रियों ने कई दिनों से धरना दे रहे अतिथि विद्वानों से आंदोलन खत्म करने की भी अपील की है.

उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने ऐलान किया कि अब अतिथि विद्वान के पद से अतिथि शब्द हटाया जाएगा.

भोपाल: राजधानी भोपाल (Bhopal) के शाहजहांनी पार्क में पिछले कई दिनों से कड़कड़ाती ठंड में धरना दे रहे अतिथि विद्वानों को कमलनाथ सरकार ने भरोसा दिलाया है कि किसी भी अतिथि विद्वान को नौकरी से नहीं निकाला जाएगा. कमलनाथ सरकार के 3 मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये ऐलान किया.

सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी, PWD मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 30 दिसंबर तक सभी अतिथि विद्वानों को कॉलेज में नियुक्ति मिलेगी.

साथ ही अतिथि विद्वानों से अपील की गई है कि डॉक्यूमेंट अपडेशन और चॉइस फिलिंग करें. साथ ही मंत्रियों ने कई दिनों से धरना दे रहे अतिथि विद्वानों से आंदोलन खत्म करने की भी अपील की है.

इस दौरान मंत्री जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर भी निशाना साधा, उन्होंने कहा कि अतिथि विद्वानों को बीजेपी ने प्रताड़ित किया. 15 साल में अतिथि विद्वानों को नियमित नहीं किया गया. हमने नियमित करने की प्रक्रिया के लिए नीति बनानी शुरू कर दी है. तब तक किसी भी अतिथि विद्वान को हटाया नहीं जाएगा. मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि लगातार नियुक्ति मिलेगी.

इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने ऐलान किया कि अब अतिथि विद्वान के पद से अतिथि शब्द हटाया जाएगा.

याद दिला दें कि कुछ दिन पहले ही पूर्व सीएम शिवराज चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने शाहजहांनी पार्क में धरना दे रहे अतिथि विद्वानों से मुलाकात की थी. इस दौरान शिवराज सिंह ने एक साल बाद भी अतिथि विद्वानों को नियमित नहीं किए जाने पर कमलनाथ सरकार को घेरा था. और सरकार से अतिथि विद्वानों के बहाली के आदेश जारी करने की अपील की थी. इतना ही नहीं शिवराज सिंह ने अतिथि विद्वानों को नियमित करने के आदेश नहीं होने पर सड़कों पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी भी दी थी.

वहीं, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की बात कही थी. गोपाल भार्गव ने अतिथि विद्वानों को भरोसा दिया था कि. हक की इस लड़ाई में वो अकेले नहीं हैं, बीजेपी के सभी 108 विधायक उनकी मांगों के साथ खड़े हैं. गोपाल भार्गव ने अतिथि विद्वानों के नियमितिकरण के मुद्दे को सदन से लेकर सड़क तक उठाने का ऐलान किया था.

 

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