सांदीपनि आश्रम में भगवान श्री कृष्ण, बड़े भाई बलराम, सखा सुदामा और गुरु सांदीपनि को ठंड से बचाने के लिए ना सिर्फ गर्म कपड़े पहनाये जा रहे हैं, बल्कि उनके सामने गर्म लकड़िया जलाकर अंगीठी भी रखी जा रही है
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मनोज जैन/उज्जैन: देश भर में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. खास कर पहाड़ी इलाको और मैदानी इलाको में कंपकंपा देने वाली ठंड पड़ रही है. जिसके कारण जन-जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है.आम लोगों का घरों से बाहर निकलना भी दूभर हो चला है. उज्जैन में बीती रात पारा 9 डिग्री तक पंहुच गया. जिसके चलते आम लोग ठंड बचने के लिए तरह-तरह के जातन करते नजर आये.
वहीं भगवान श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में भगवान श्री कृष्ण, बड़े भाई बलराम, सखा सुदामा और गुरु सांदीपनि को ठंड से बचाने के लिए ना सिर्फ गर्म कपड़े पहनाये जा रहे हैं, बल्कि उनके सामने गर्म लकड़िया जलाकर अंगीठी भी रखी जा रही है.
सांदीपनि आश्रम में भगवान कृष्ण को भी ठंड से बचाने के लिए भोग में गर्म खाना दिया जा रहा है. इतना ही नहीं रोजाना उन्हें गर्म दूध भी पिलाया जाता है.
सांदिपनि आश्रम के पंडित रूपम व्यास की मानें तो भगवान श्री कृष्ण बलराम और सुदामा बालकाल में उज्जैन में रहे थे. जिसके कारण उनको बच्चे का रूप मानकर उनकी देख भाल की जा रही है. जिस तरह बच्चों को हाथो में ग्लव्स और सर पर गर्म ऊन की टोपी पहनाई जाती है, उसी तरह गर्म कपड़े पहना कर सिगड़ी जलाकर भगवान को ठंड से बचाया जा रहा है.
ज्ञान अर्जित करने उज्जैन रहे थे श्रीकृष्ण
करीब 5000 साल पहले श्री कृष्ण बलराम और सुदामा उज्जैन के संदीपनी आश्रम में गुरु संदीपनी से शिक्षा ग्रहण करने आये थे. जिसके बाद श्री कृष्ण ने उज्जैन के संदीपनी आश्रम में रहकर ही 64 दिन में 64 विद्या और 16 कला का ज्ञान सीखा था.