मध्य प्रदेशः ई-टेंडरिंग घोटाले में 1 और आरोपी गिरफ्तार
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मध्य प्रदेशः ई-टेंडरिंग घोटाले में 1 और आरोपी गिरफ्तार

कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद कंप्यूटर इमर्जेसी रेस्पॉन्स टीम (सीईआरटी) की रपट में गड़बड़ी की बात सामने आने पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने प्राथमिकी दर्ज की थी. ईओडब्ल्यू ने धोखाधड़ी, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किए थे.

मनीष खरे ने एक कंपनी को निविदा दिलाने के लिए कंप्यूटर डेटा में टेंपरिंग की थी. (सांकेतिक तस्वीर)

भोपालः मध्य प्रदेश में ई-टेंडरिंग घोटाले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने बुधवार को एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है. पूर्व में इसी घोटाले में तीन लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. ईओडब्ल्यू के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ओस्मो नामक निजी कंपनी से जुड़े मनीष खरे को बुधवार को गिरफ्तार किया गया है. मनीष तकनीकी विशेषज्ञ हैं. मनीष खरे पर आरोप है कि उन्होंने एक कंपनी को निविदा दिलाने के लिए कंप्यूटर डेटा में टेंपरिंग की थी. इसके चलते एक निजी कंपनी को सरकारी ठेका मिल गया था.

ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने ई-टेंडरिंग घोटाले की जांच कराने का अपने वचन पत्र में वादा किया था. कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद कंप्यूटर इमर्जेसी रेस्पॉन्स टीम (सीईआरटी) की रपट में गड़बड़ी की बात सामने आने पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने प्राथमिकी दर्ज की थी. ईओडब्ल्यू ने धोखाधड़ी, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किए थे. लोकसभा चुनाव से पहले निजी कंपनी के तीन अधिकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. 

मध्‍यप्रदेश ई टेंडर घोटाला: कई सॉफ्टवेयर कंपनियों पर शिकंजा, हजारों करोड़ के टेंडर में टेंपरिंग

ज्ञात हो कि राज्य में शिवराज सिंह चौहान की सरकार के दौरान ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया के दौरान एक अधिकारी ने इस बात का खुलासा किया था कि ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल में छेड़छाड़ कर उन कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया है, जिन्होंने टेंडर डाले हैं.

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