’धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2020’ कानून में कुल 19 प्रावधन हैं. यह कानून देश के दूसरे कानूनों से सख्ता होगा. इसमें दोषी को 10 साल की सजा के साथ-साथ जुर्माने का भी प्रावधान है.
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भोपाल: मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने 'लव जेहाद' के खिलाफ ’धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2020’ के ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है. अब इस विधेयक को 28 दिसंबर से प्रस्तावित विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है. विधानसभा से पास होने के बाद ’धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2020’ कानून बन जाएगा.
Video: शिवराज कैबिनेट ने लव जिहाद बिल के ड्राफ्ट को दी मंजूरी, जानें क्या हैं प्रावधान
’धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2020’ कानून में कुल 19 प्रावधन हैं. यह कानून देश के दूसरे कानूनों से सख्ता होगा. इसमें दोषी को 10 साल की सजा के साथ-साथ जुर्माने का भी प्रावधान है. तो आइए हम यहां जानते हैं इस ड्राफ्ट के सभी 19 प्रावधानों के बारे में.....
1- प्रलोभन, धमकी, कपट, षड़यंत्र से या धर्म छिपाकर विवाह करने पर विवाह को शून्य माना जाएगा.
2- कानून के प्रावधानों के विरुद्ध धर्म परिवर्तन किए जाने पर कम से कम 1 साल और अधिकतम 5 साल का कारावास होगा.
3- कानून के प्रावधानों के खिलाफ महिला, नाबालिग, SC-ST के धर्म परिवर्तन किए जाने पर कम से कम 2 साल और अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार का जुर्माना होगा.
4- अपना धर्म छिपाकर कानून के प्रावधानों के खिलाफ धर्म परिवर्तन करने पर कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा व ₹50000 जुर्माने का प्रावधान.
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5- दो या दो से अधिक लोगों का एक ही समय में धर्म परिवर्तन पर कम से कम 5 साल और अधिकतम 10 साल की सजा और कम से कम 1 लाख रुपए के अर्थदंड का प्रावधान है.
6- एक से अधिक बार कानून का उल्लंघन पर 5 से 10 साल की सजा का प्रावधान है.
7- कानून के दायरे में आने के बाद विवाह शून्य घोषित करने का भी प्रावधान है.
8- पैतृक (मूल) धर्म में वापसी को धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा.
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9-धर्म परिवर्तन करने पर परिजन की शिकायत को कानून में जरूरी किया जाएगा.
10- इस अधिनियम के तहत दर्ज अपराध संज्ञेय और गैरजमानती होंगे. जिसकी सुनवाई सेशन कोर्ट या फिर विशेष अदालत में होगी.
11- प्रावधान के मुताबिक सब इंस्पेक्टर से नीचे का पुलिस कर्मी इस कानून के तहत दर्ज मामले की जांच नहीं करेगा.
12- प्रावधान में निर्दोष होने के सबूत पेश करने की बाध्यता अभियुक्त पर रखी गयी है.
13- विवाह शून्य करने का फैसला परिवार न्यायलय में लिया जाएगा.
14- प्रावधान के मुताबिक पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण हासिल करने का अधिकार दिया जाएगा.
15- पैदा हुए बच्चे को अपने पिता की संपत्ति में उत्तराधिकारी के रूप में दावा करने की स्वतंत्रता होगी.
16- अधिनियम के तहत दर्ज मामले में धर्म परिवर्तन कराने वाली संस्थाएं और लोग भी आरोपी के बराबर कार्यवाही के दायरे में आएंगे. साथ ही ऐसी संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा.
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17- धर्म परिवर्तन कराने के पहले कलेक्टर को 2 महीने पूर्व सूचना देना जरूरी होगा.
18- सूचना नहीं देने पर 3 से 5 साल तक की सजा और ₹50000 जुर्माने का प्रावधान.
19- 2020 का अधिनियम पारित होने के बाद 1968 का मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्र अधिनियम खत्म हो जाएगा.
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