कमलनाथ सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन पर लगाई रोक, BJP ने जताई नाराजगी
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh485126

कमलनाथ सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन पर लगाई रोक, BJP ने जताई नाराजगी

इससे पहले हर माह की पहली तारीख को मंत्रालय के सामने होने वाले वंदेमातरम समूह गायन पर भी सरकार ने फिलहाल रोक लगा दी है. 

फाइल फोटो

विवेक पटैया/भोपाल: शिवराज सरकार द्वारा आपातकाल (इमरजेंसी) के दौरान जेल में बंद रहे नेताओं को दी जा रही मीसाबंदी पेंशन पर कमलनाथ सरकार ने फिलहाल रोक लगा दी है. अब प्रदेश भर के मीसाबंदियों (लोकतंत्र सेनानी) का भौतिक सत्यापन कराया जाएगा और उसके बाद पात्र लोगों को ही सम्मान निधि भुगतान की प्रक्रिया का पुनर्निधारण होगा. इससे पहले हर माह की पहली तारीख को मंत्रालय के सामने होने वाले वंदेमातरम समूह गायन पर भी सरकार ने फिलहाल रोक लगा दी है. 

भौतिक सत्यापन के बाद ही हो सकेगा सम्मान राशि का वितरण
कमलनाथ सरकार ने सभी संभाग कमिश्नर और जिला कलेक्टरों को आदेश जारी कर जनवरी माह से लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि राशि का वितरण भौतिक सत्यापन के बाद ही करने के निर्देश दिए हैं. इस आदेश की जद में प्रदेश के सभी 2600 लोकतंत्र सेनानी और उनके परिजन आ गए हैं, जिन्हें बीते एक दशक से अधिक समय से हर माह सम्मान निधि दी जाती थी. पेंशन रोके जाने के फैसले से लोकतंत्र सेनानी संघ और बीजेपी नाराज है. 

कई राज्यों में दी जाती है सम्मान निधि
लोकतंत्र सेनानी संघ का कहना है कि मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में सम्मान निधि दी जाती है. उत्तरप्रदेश में इससे पहले मायावती सरकार के दौरान सम्मान निधि को रोका गया था, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की रोक के बाद फिर से वितरण करना पड़ा. राजस्थान में भी ऐसे ही प्रयास जयपुर हाईकोर्ट से खारिज हो गए थे. मध्यप्रदेश में जयप्रकाश नारायण लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि संबंधी अधिनियम भी विधानसभा से पारित है. इसे रोकना किसी भी तरह उचित नहीं है. 

बजट प्रावधान से अधिक राशि खर्च होने का है मामला
लोकतंत्र सेनानी संघ का कहना है कि इस मामले में वह जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाएगा. पिछले सालों में लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि के भुगतान में बजट प्रावधान से अधिक राशि खर्च होने और इस पर महालेखाकार के लेखा परीक्षण प्रतिवेदनों में आपत्ति आने और लोकलेखा समिति के सामने बजट प्रावधान से ज्यादा व्यय पर विभाग को स्थिति स्पष्ट करने में आने वाली कठिनाई को जीएडी ने भौतिक सत्यापन कराने का आधार बताया है. 

निधि के वितरण पर तत्काल प्रभाव से लगी रोक
सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार लोक लेखा समिति की अनुशंसा पर बजट से अधिक खर्च की गई राशि के नियमन के लिए विधानसभा में पुनः विधेयक प्रस्तुत करने की आवश्यकता पड़ती है. ऐसी स्थिति की पुनरावृत्ति न हो इसलिए सम्मान निधि वितरण की वर्तमान प्रक्रिया को और अधिक सटीक, पारदर्शी बनाया जाना आवश्यक है. साथ ही लोकतंत्र सेनानियों का भौतिक सत्यापन कराना भी जरूरी है. इसके लिए अलग से दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे. जीएडी ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि आगामी माह से सम्मान निधि राशि का वितरण उपरोक्तानुसार कार्यवाही होने के बाद ही किया जाए. इसके लिए जिला कोषालय एवं सम्मान निधि वितरण करने वाली सभी बैंक शाखाओं को तत्काल अपने स्तर पर निर्देशित किया जाए..

प्रदेश में पूर्व सीएम शिवराज सहित 2600 लोकतंत्र सेनानी
मध्यप्रदेश में लगभग 2600 लोकतंत्र सेनानी हैं. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम भी शामिल है, जिन्होंने यह पेंशन शुरू की थी. शिवराज प्रदेश के सबसे कम उम्र (12 साल) में मीसाबंदी रहे हैं. प्रदेश में वर्तमान में 1600 मीसाबंदी और करीब 1000 मीसाबंदियों की पत्नियों को सम्मान निधि मिलती है.

लोकतंत्र सेनानियों में प्रदेश सरकार के खिलाफ गुस्सा
लोकतंत्र सेनानी संघ के प्रदेश अध्यक्ष तपन भौमिक ने कहा कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. पहले वंदेमातम बंद किया और अब लोकतंत्र सेनानियों की सम्मान निधि रोकने के आदेश कर दिए. इसका वितरण जांच के साथ भी किया जा सकता था. इतना ही नहीं भौतिक सत्यापन की कोई समयसीमा भी तय नहीं की गई है.

Trending news