48 हजार करोड़ के रक्षा सौदे को मोदी सरकार की मंजूरी, जानिए क्यों खास है तेजस फाइटर जेट
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48 हजार करोड़ के रक्षा सौदे को मोदी सरकार की मंजूरी, जानिए क्यों खास है तेजस फाइटर जेट

चौथी पीढ़ी का यह तेजस विमान भारत में ही बनाया गया है. घरेलू स्तर पर तैयार किए गए इस विमान को खरीदने की लागत करीब 48000 करोड़ रुपए आएगी, जिसे सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गयी है.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने रक्षा मामलों में एक बड़ा फैसला लिया है. भारत में ही बने चौथी पीढ़ी के सबसे उन्नत लड़ाकू विमान तेजस की खरीदी का यह सौदा 48 हजार करोड़ रुपए में मंजूरी किया गया है. सौदे के तहत 83 तेजस विमान खरीदे जाएंगे. सरकार के इस फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुहर लगा दी है. इस बात की जानकारी खुद देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके दी है. यह फैसला देश की सुरक्षा की दृष्टि से बेहद अहम साबित होने वाला है.

(CCS) की बैठक में लिया गया फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों में मंत्रिमंडल समिति की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गयी. खास बात यह है कि चौथी पीढ़ी का यह तेजस विमान भारत में ही बनाया गया है. घरेलू स्तर पर तैयार किए गए इस विमान को खरीदने की लागत करीब 48000 करोड़ रुपए आएगी, जिसे सरकार की तरफ से मंजूरी मिल गयी है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार इन विमानों को खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को मंजूरी दी गयी है. इन 83 विमानों में 73 हल्के लड़ाकू विमान ,तेजस एमके-1ए और 10 तेजस एमके-1 शामिल हैं.

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क्या है तेजस की खासियत
एचएएल की ओर से विकसित तेजस को चौथी पीढ़ी के सबसे उन्नत और हल्के लड़ाकू विमानों में गिना जाता है. ये अपने मूल वैरिएंट में 43 बदलावों के बाद अप्रूव हुई है. एलसीए-तेजस कम ऊंचाई पर उड़ते हुए सुपरसोनिक स्पीड से दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है. ऊंचाई कम होने की वजह से ये कई बार दुश्मन के रडार को भी चमका देने में कामयाब रहता है. तेजस मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसका इस्तेमाल एयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड स्ट्राइक में किया जाता है.

2222 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम
तेजस विमान दोगुनी रफ्तार से उड़ान भर सकता है. यह  2222 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम हैं. केवल इतना ही नहीं यह तेजस विमान एक बार में 3850 किलोमीटर की दूरी तक उड़ान भरने की क्षमता रखता है. सभी हथियारों से लैस होने के बाद इस विमान का वजन 13,500 किलो हो जाता है.

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वायुसेना में शामिल हैं दो स्क्वॉड्रन
मौजूदा समय में भारतीय वायुसेना में तेजस से लैस दो स्क्वॉड्रन हैं. पिछले साल स्क्वॉड्रन नंबर 45 खास तौर पर तेजस के साथ बनाया गया था, जिसका नाम Flying Daggers रखा गया है. हालांकि नए तेजस विमान पहले मिल चुके तेजस से और भी ज्यादा बेहतर होंगे.

सीमाओं की चौकसी के लिए खरीदे जाएंगे स्विच ड्रोन
चीन और पाकिस्तान से चल रहे तनाव के बीच तेजस के अलावा भारतीय सेना ने भी एक बड़े अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, भारतीय सेना अपनी सीमाओं की निगरानी को और बेहतर बनाने के लिए अब स्विच ड्रोन खरीदने जा रही है. इसके लिए सेना ने एक डील भी कर ली है. वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग करने वाले यह ड्रोन 4,500 मीटर की अधिकतम ऊंचाई पर 2 घंटे तक उड़ान भरने की क्षमता रखते हैं. जिन्हें भारतीय सीमाओं पर तैनात किया जाएगा.

आतंकवादियों पर नजर रखेंगे 'माइक्रोकॉप्टर'
भारतीय सेना के एक अधिकारी ने इमारतों के अंदर आतंकवादियों पर नजर रखने के लिए 'माइक्रोकॉप्टर' विकसित किया है. इस माइक्रोक्रॉप्टर को लेफ्टिनेंट कर्नल जीवाईके रेड्डी ने बनाया है. जो छुपे हुए आतंकवादियों को ढूंढने में सेना की काफी मदद करेगा. खास बात यह है कि इस 'माइक्रोकॉप्टर' का सफल परीक्षण भी कर लिया गया है. जम्मू-कश्मीर में एक पैरा स्पेशल फोर्स बटालियन ने इस 'माइक्रोकॉप्टर' का परीक्षण किया है. हालांकि इसमें अभी और कुछ सुधार किए जाने की बात कही गयी है. लेकिन यह डिवाइस भारतीय सेना के बेहद काम आने वाला है.

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