उन्होंने विज्ञापन के माध्यम से कहा, ''अभी पिछले कुछ दिनों से सामने आई बिजली की समस्या के पीछे बिजली की कमी कारण नहीं है, अपितु सालों से व्यवस्था में सुधार नहीं करना और उपभोक्ताओं तक सतत पूर्ति में मानव जनित बाधाएं उत्पन्न करना है.''
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भोपाल: मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में बढ़ती गर्मी के बीच अघोषित बिजली कटौती गंभीर समस्या बनती जा रही है. इस मुद्दे पर लोगों में रोष के साथ ही मुख्यमंत्री कमलनाथ विपक्ष के निशाने पर हैं. इस पर पलटवार करते हुए कमलनाथ ने स्थानीय अखबारों में विज्ञापन देकर इस समस्या के लिए परोक्ष रूप से पूर्ववर्ती बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है.
इस कड़ी में उन्होंने विज्ञापन के माध्यम से कहा, ''अभी पिछले कुछ दिनों से सामने आई बिजली की समस्या के पीछे बिजली की कमी कारण नहीं है, अपितु सालों से व्यवस्था में सुधार नहीं करना और उपभोक्ताओं तक सतत पूर्ति में मानव जनित बाधाएं उत्पन्न करना है. तात्कालिक रूप से पैदा की गई समस्या का निदान आने वाले दिनों में शीघ्र हो जाएगा जबकि व्यवस्थागत समस्याओं के समाधान में थोड़ा वक्त लगेगा.''
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इसके साथ ही कमलनाथ सरकार ने भरोसा देते हुए कहा है कि प्रदेश में बिजली संकट नहीं है. शिवराज सरकार के दौरान लाइन की मेंटेनेंस ना होने के कारण बार-बार बत्ती गुल हो रही है. सीएम कमलनाथ ने इसके साथ ही यह अपील भी की है कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों से सावधान रहें. उन्होंने कहा, 'मुझ पर विश्वास रखें, मैं जो बोलता हूं उसे पूरा करता हूं... मैं और मेरी सरकार पूरे 5 साल आपकी सेवा में तत्पर है.'
इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ें: Kamal Nath blames BJP for power cuts in Madhya Pradesh, takes out advertisements in local newspapers
बिजली व्यवस्था को सुचारु बनाये रखने के निर्देश दिए
इस बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में बिजली व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने और अनावश्यक कटौती नहीं करने के निर्देश दिए हैं. एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सरप्लस बिजली होने के बाद भी बिजली कटौती होने के मुद्दे को गंभीर माना है. उन्होंने इसके लिए जवाबदेह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
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मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि बगैर किसी कारण के बिजली गुल होने पर जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली किसानों और आम जनता से जुड़ी एक अनिवार्य सुविधा है. बिजली महकमे से जुड़े हर स्तर के अधिकारी और कर्मचारियों को इस नागरिक सुविधा को हर स्थिति में सुचारू और बहाल रखने के लिये सभी प्रयास और पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करना चाहिए.
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कमलनाथ ने कहा कि आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि कार्य के लिए 10 घंटे निरंतर बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होना चाहिए. इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली उपलब्धता में आने वाली किसी भी तकनीकी खराबी को तुरंत दूर करना चाहिए.
मध्य प्रदेश पॉवर मैंनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक और प्रदेश की तीनों वितरण कंपनियों के अध्यक्ष सुखवीर सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि वर्तमान में प्रदेश में बिजली की उपलब्धता में कोई कमी नहीं है. इस वर्ष बिजली की अधिकतम मांग 14,000 मेगावाट से अधिक की दर्ज हुई और इस मांग की सफलतापूर्वक आपूर्ति की गई. वर्तमान में प्रदेश में बिजली की अधिकतम मांग 9500 मेगावाट से ऊपर दर्ज हो रही है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह मांग 8600 मेगावाट से ऊपर दर्ज हो रही थी.
उन्होंने जानकारी दी कि इस वर्ष मई माह में बिजली की आपूर्ति 670 करोड़ यूनिट की गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 600 करोड़ यूनिट बिजली की सप्लाई की गई थी. इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में मई माह में 12 प्रतिशत अधिक बिजली की सप्लाई की गई. सिंह ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही मानसून की दस्तक होने वाली है. इसे देखते हुए उपभोक्ताओं को निर्बाध व गुणवत्तापूर्ण बिजली सप्लाई के लिए प्रत्येक फीडर का मेंटेनेंस किया जा रहा है. मेंटेनेंस किए जाने के कारण नियोजित शट डाउन लेना आवश्यक है.
(इनपुट: एजेंसी भाषा से भी)