भाजपा के शासनकाल के बाद अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी गायों को लेकर चिंतित नजर आ रही है.
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भोपालः मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव को देखते हुए गाय का मुद्दा फिर गर्माने लगा है. भाजपा के शासनकाल के बाद अब प्रदेश की कांग्रेस सरकार भी गायों को लेकर चिंतित नजर आ रही है, जिसके चलते हाल ही में कमलनाथ सरकार ने आदेश दिए हैं कि उन्हें सड़क पर एक भी गाय नहीं दिखनी चाहिए. वहीं कमलनाथ ने सभी अधिकारियों को गौशाला निर्माण के आदेश भी दिए हैं. जिसके अंतर्गत अब सड़क पर घूमने वाली आवारा गाय और आवारा पशुओं को गौशाला भेजा जाएगा. जिसके लिए कमलनाथ सरकार अब पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रही है.
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बता दें इस मुहिम के अंतर्गत आवारा सड़को पर घूमने वाली गाय और मवेशियों को गौ-शाला में रखने का अभियान 16 जनवरी से भोपाल से होगा शुरू. वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ की इस मुहिम को लेकर भाजपा ने उन पर जमकर निशाना साधा है. भाजपा का कहना है कि गाय का मुद्दा उठाकर कांग्रेस लोकसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है. तो वहीं कांग्रेस का कहना है कि 'पूर्व BJP की सरकार ने गाय और राममंदिर पर राजनीति तो की, लेकिन 15 सालो में गाय की चिंता कभी नहीं की. 15 साल में गाय की जो दुर्दशा की वो आज सबके सामने है.'
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बता दें कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस सरकार आती है तो सरकार सड़को पर घूमने वाली गाय और आवारा मवेशियों को गौशाला भेजेगी और वहां इनके रख-रखाव पर पूरा ध्यान देगी. गायों को गौशाला में रखने को लेकर कांग्रेस का कहना है कि ''हम भोपाल से इसकी शुरुवात करने जा रहे हैं, 16 जनवरी से भोपाल से अभियान शुरू हो जाएगा, इस दौरान सड़कों पर घूमने वाली गायों को गौशाला भेजा जाएगा और वहां इनके स्वास्थ्य से लेकर इनके खाने-पीने पर ध्यान दिया जाएगा.'
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'20 दिन बाद भोपाल की सड़कों पर आवारा पशु दिखाई नही देगा. सबको कांजी हाउस में अस्थाई शेड बनाकर रखा जाएगा. बता दें नगर निगम भोपाल की सीमा में 27 गौशाला हैं और सरकार इन्हीं गौशालाओं में गायों को रखने की योजना बना रही है. वहीं कांग्रेस नेता लाखन सिंह का कहना है कि 'प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर गौशाला खोलने की तैयारी भी शुरू कर दी है. कलेक्टरों से हर ग्राम पंचायत में सरकारी जमीन चिन्हित कर रिपोर्ट मांगी है. अभी ब्लाक स्तर पर 8-10 ग्राम पंचायत के बीच एक गौशाला बनाई जाएगी.'