जल्द सुलझ सकता है प्रमोशन में आरक्षण मामला, कमेटी ने शासन को सौंपी रिपोर्ट, सुझाए ये 2 विकल्प
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जल्द सुलझ सकता है प्रमोशन में आरक्षण मामला, कमेटी ने शासन को सौंपी रिपोर्ट, सुझाए ये 2 विकल्प

कुछ कर्मचारियों की याचिका पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अप्रैल 2016 में मध्य प्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 को खारिज कर दिया था. इस मुद्दे का हल निकालने के लिए करीब 5 साल से कवायद चल रही है, लेकिन नतीजा नहीं निकल सका है.

सांकेतिक तस्वीर.

भोपाल: प्रमोशन में रिजर्वेशन के मामले में गठित 4 आईएएस अधिकारियों कमेटी अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है. राज्य के प्रमुख अखबारों में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस रिपोर्ट में सरकार को दो विकल्प सुझाए गए हैं. इन पर अमल हुआ तो प्रमोशन में रिजर्वेशन का रास्ता खुल सकता है. ये विकल्प आरक्षित श्रेणी के व्यक्ति के सामान्य श्रेणी के पद पर जाने व उसी रास्ते आगे की सर्विस पूरी करने के साथ योग्यता व वरिष्ठता फार्मूले पर आधारित हैं. चार सदस्यों की कमेटी अपनी रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री से चर्चा करेगी. इसके बाद इसे कैबिनेट में लाया जाएगा.

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बीते 5 साल से लटका है प्रमोशन में रिजर्वेशन का मामला
मध्य प्रदेश राजकीय सेवा में साल 2021-22 और 2022-23 में सबसे ज्यादा सेवानिवृत्तियां होने वाली हैं. क्योंकि ज्यादातर भर्तियां 1983-1984 की हैं. इसीलिए प्रमोशन में आरक्षण को लेकर जल्द ही नए नियम बन सकते हैं. बीते 5 साल में 70 हजार से ज्यादा अधिकारी व कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो चुके हैं. इस मुद्दे को लेकर गठित कमेटी में सीनियर आईएएस अधिकारी एपी श्रीवास्तव, विनोद कुमार, राजेश राजौरा और मनीष रस्तोगी शामिल हैं.

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मध्य प्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2016 से है खारिज
कुछ कर्मचारियों की याचिका पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अप्रैल 2016 में मध्य प्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम 2002 को खारिज कर दिया था. राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. इस मुद्दे का हल निकालने के लिए करीब 5 साल से कवायद चल रही है, लेकिन नतीजा नहीं निकल सका है. इस दौरान कर्मचारी-अधिकारी बिना प्रमोशन के रिटायर होते रहे.

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चार सदस्यीय कमेटी ने शासन को सौंपी रिपोर्ट, 2 विकल्प
कमेटी ने जो रिपोर्ट शासन को सौंपी है उसके मुताबिक सामान्य श्रेणी के रिक्त पद पर यदि कोई आरक्षित वर्ग का कर्मचारी-अधिकारी प्रमोट होकर पहुंचता है तो वह अपनी आने वाली सर्विस में सामान्य श्रेणी के तहत ही आगे के प्रमोशन का हकदार होगा. एक बार जनरल कैटेगरी के रिक्त पर पद प्रमोशन लेने के बाद वह दोबारा रिजर्व कैटेगरी का लाभ नहीं ले सकेगा. रिजर्व कैटेगरी का कैंडिडेट अपने सर्विस के दौरान किसी भी समय प्रमोशन के लिए जनरल कैटेगरी के वेकेंट पोस्ट पर अप्रोच कर सकेगा, लेकिन उपरोक्त शर्त भी तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी.

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दूसरे विकल्प में वरिष्ठता और योग्यता को प्राथमिकता में रखा गया है. क्लास वन ऑफिसर के मामले में योग्यता सह वरिष्ठता का फाॅर्मूला लागू होगा. इसमें प्रमोशन के लिए क्वालिफाइंग सर्विस पूरी होने पर 5 साल की एसीआर देखी जाएगी. इसके बाद वरिष्ठता का नंबर आएगा. चार पदों के लिए 12 लोगों पर विचार होगा, जिसकी एसीआर आउटस्टैंडिंग होगी और वरिष्ठता में भी वह आगे होगा उसे तुरंत प्रमोशन मिलेगा. इसी तरह यदि अधिकारी क्लास-टू है तो उस समय फाॅर्मूला बदल जाएगा. यहां वरिष्ठता प्राथमिकता में रहेगी और योग्यता इसके बाद. ऐसे में सिर्फ वरिष्ठता की सूची बनेगी और प्रमोशन हो जाएगा.

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जानिए कहां होगा लागू और कहां नहीं

  • पटवारी से आरआई के पद पर जिस वर्ग (सामान्य या आरक्षित) में प्रमोशन होगा, आगे भी उसी संवर्ग में नायब तहसीलदार के पद पर प्रमोशन होगा. 
  • कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल के पद पर जिस वर्ग में पदोन्नति होगी, आगे भी उसी कैटेगरी में वह प्रमोट होकर एएसआई और एसआई बनेगा. 
  • लिपकीय संवर्ग से भर्ती व्यक्ति सामान्य वर्ग के पद पर जाकर सहायक ग्रेड-3 बनता है तो वह सामान्य वर्ग से ही आगे बढ़ेगा और सहायक वर्ग-2 के बाद ग्रेड-1, सेक्शन आफिसर व अंडर सैक्रेटरी के पद तक जाएगा. 
  • शिक्षक संवर्ग में एलडीटी से यूडीटी और लेक्चरर के पद पर पदोन्नति की यही प्रक्रिया रहेगी. जिस कैटेगरी में प्रमोशन होगा आगे की सर्विस में भी उसी कैटेगरी में आगे बढ़ना होगा.
  • एसएएस का आईएएस और एसपीएस का आईपीएस में प्रमोशन होता है तो इन पदोन्नतियों में आरक्षण का कोई असर नहीं होगा.

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