17 सितंंबर की सुबह 7 बजे अफ्रीका से लाए जाने वाले चीते भारत की धरती पर होंगे. अफ्रीकी देश नामीबिया की राजधानी विंडहॉक से आने में चीतों को 16 से 20 घंटे लगेंगे. इतने समय वह विमान में एक खास कारण की वजह से भूखे ही रहेंगे.
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नई दिल्ली: MP का श्योपुर जिला अब देश के पर्यटन नक्शे में खास जगह बनाने वाला है. दो दिन बाद श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में 8 अफ्रीकी चीतें आ रहे हैं. ये चीते नामीबिया से पहले भारत के जयपुर में आएंगे, उसके बाद इन्हें कूनो नेशनल पार्क में लाया जाएगा. खास बात ये है कि इस दौरान चीते खाली पेट रहेंगे. खाली पेट रहने की वजह भी वन विभाग के अधिकारियों ने बताई.
खाने के बाद जानवरों में हो सकती है मतली की समस्या
इस बारे में एक समाचार एजेंसी को मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने बताया कि लंबे सफर के दौरान आमतौर पर जानवरों में खाने के बाद मतली की समस्या पैदा हो सकती है. इस समस्या की वजह से हालात गंभीर हो सकते हैं. यही वजह है कि इस सफर के दौरान चीतों को भूखा रखा जाएगा. ऐसा कुछ कारणों की वजह से किया जा रहा है.
हवाई सफर में लगेंगे 16 से 20 घंटे
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 17 सितंबर की सुबह सभी चीते करीब 7 बजे तक भारत पहुंच जाएंगे. विंंडहॉक ये यह यात्रा कुल 16 घंटे 40 मिनट की हो सकती है. हालांकि अधिकारियों ने इस पर कोई कमेंट नहीं किया है. हवाई सफर के बारे में अनुमान है कि यह यह यात्रा 16 से 20 घंटे के करीब हो सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर इन चीतों को बाड़ों में छोड़ेगें.
जयपुर से एक घंटे बाद कूनो पहुंचेगे चीते
बता दें कि नामीबिया की राजधानी विंडहोक से नई दिल्ली तक की हवाई यात्रा में 4 घंटे के स्टॉप के साथ 16 घंटे 40 मिनट लगते हैं. चीतों को मालवाहक विमान से हेलीकॉप्टर में शिफ्ट करने और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद 1 घंटे की यात्रा के बाद चीते कूनो-पालपुर के हेलीपैड पर पहुंचेंगे.
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