MP NEWS: कैंप में ऑपरेशन कराना पड़ा महंगा, इंदौर में गई 8 लोगों की आंखों की रोशनी  
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MP NEWS: कैंप में ऑपरेशन कराना पड़ा महंगा, इंदौर में गई 8 लोगों की आंखों की रोशनी  

Madhya Pradesh NEWS: इंदौर के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक चोइथराम अस्पताल में नेत्र शिविर में ऑपरेशन कराने वाले 8 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई. मामले में कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए हॉस्पिटल का ऑपरेशन थिएटर सील कर दिया. 

MP NEWS: कैंप में ऑपरेशन कराना पड़ा महंगा, इंदौर में गई 8 लोगों की आंखों की रोशनी  

Madhya Pradesh NEWS: इंदौर में चोइथराम अस्पताल में आयोजित हुए नेत्र शिविर में ऑपरेशन कराने वाले 79 मरीजों में से 8 मरीजों की आंखों की रोशनी कम होने का मामला सामने आया है. इसके बाद चोइथराम अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर को सील कर दिया गया है और कलेक्टर आशीष सिंह ने जांच के आदेश दिये हैं. बता दें पिछले दिनों चोइथराम नेत्रालय में एक शिविर का आयोजन किया गया था और उसमें 79 मरीजों की आंखों के ऑपरेशन हुए थे. इनमें से आठ मरीजों ने कम दिखाई देने की शिकायत की थी, इसके बाद ऑपरेशन थिएटर को सील कर दिया गया.

दरअसल, चोइथराम नेत्रालय में 20 मार्च को नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस (एनपीसीबी) के तहत एक कैंप लगाया गया था. इस कैंप में कुल 79 मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया. शिकायत के तुरंत बाद हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर को सील कर दिया गया है. कलेक्टर ने एक टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर आशीष सिंह ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है. 

क्या बोले कलेक्टर?
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि हॉस्पिटल में कैंप लगाया गया था. इसके बाद कुछ लोगों की शिकायतें मिलीं. डॉक्टरों को भी जांच के लिए भेजा गया. फिलहाल कारण पता नहीं चल सका है.  हालांकि चोइथराम अस्पताल में पहले भी कई बड़े-बड़े कैंप लग चुके हैं, जो की सक्सेसफुल रहे हैं. इस प्रकार की गलती फिर से न हो इसके लिए कारणों की जांच की जाएगी. टीम को निर्देशित किया गया है. अब मरीजों के लिए अन्य सर्जरी पर विचार किया जा रहा है.  

इंदौर और उज्जैन के रहने वाले थे मरीज
एनपीसीबी के जिला नोडल अधिकारी डा. प्रदीप गोयल के बताया कि 20 मार्च को राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम (एनपीसीबी) के तहत कैंप में मरीजों की मोतियाबिंद की सर्जरी की गई थी. ज्यादातर मरीज इंदौर, उज्जैन और धार के रहने वाले थे. ऑपरेशन के दूसरे दिन रोशनी कम होने की शिकायत मिली थी. ज्यादातर मरीज 50 से 85 साल के उम्र के बीच है.

रिपोर्ट: शिव मोहन शर्मा, इंदौर

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