MP News: मध्य प्रदेश में वक्फ बोर्ड की अनुमति और जानकारी के बिना वक्फ संपत्ति पर निर्माण कर वर्षों तक अवैध वसूली की गई. बता दें कि इस मामले का खुलासा नवगठित कमेटी की जांच में हुआ. दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किए जा रहे हैं.
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Ujjain Waqf Board News: मध्य प्रदेश में वक्फ बोर्ड को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. कमेटी के जिम्मेदार बनाए गए लोगों ने जिस वक्फ संपत्ति की आय से गरीबों और जरूरतमंद लोगों की मदद की जानी थी. उस संपत्ति को अपनी आय का माध्यम बना लिया और बोर्ड की अनुमति या जानकारी के बिना बड़े निर्माण कार्य कराए गए और उसकी आय को निजी आय मानकर खर्च भी कर दिया गया. अब बदली व्यवस्था में मामले की जांच हुई तो पूर्व कमेटी पर 7 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली निकाली गई है.
मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने पूर्व समिति पदाधिकारियों को इस रकम को जमा करने का नोटिस जारी किया है. वहीं, मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के इतिहास में शायद यह पहली बार है कि किसी अपदस्थ समिति के खिलाफ इतनी बड़ी रकम की वसूली का नोटिस जारी किया गया.
जानिए पूरा मामला?
मामला उज्जैन स्थित वक्फ दरगाह मदार गेट का है. यहां कार्यरत रियाज खान की अध्यक्षता वाली निवर्तमान समिति सालों से यहां का प्रबंधन संभाल रही है, लेकिन कुछ समय पहले मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने यहां की समिति में बदलाव कर फैजान खान की अध्यक्षता में नई समिति गठित की थी. पुरानी और नई समितियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है. नियुक्ति, प्रभार और आय-व्यय का ब्योरा देने को लेकर कई कोर्ट केस भी दायर हुए. इसके बाद ताजा मामला मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड की ओर से जारी नोटिस का है.
जांच समिति की गई थी गठित
उज्जैन के मदार गेट स्थित करीब 45 हजार वर्ग फीट की इस वक्फ संपत्ति में 115 दुकानें, 16 कार्यालय, 02 स्कूल, 01 मैरिज हॉल, मस्जिद और मकबरा है. करीब 26 साल से रियाज खान की अध्यक्षता में एक समिति इस जगह का प्रबंधन देख रही थी. कार्यालय आदेश क्रमांक 2655 दिनांक 2 अगस्त 2023 पर पूर्व सदर के संपूर्ण कार्यकाल के खातों की जांच और निरीक्षण के लिए एक जांच समिति गठित की गई थी.
नहीं दी गई जानकारी
गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मदार गेट परिसर वर्षों से निजी तौर पर संचालित किया जा रहा है और किराया पूर्व समिति पदाधिकारियों की जेब में जा रहा था. जांच में यह भी पाया गया कि पूर्व सदर रियाज खान द्वारा उक्त वक्फ भूमि पर वक्फ संपत्तियों के विकास की योजना के अंतर्गत 115 दुकानें, 02 स्कूल भवन और 15 कार्यालय कक्ष तथा मैरिज हॉल का निर्माण वक्फ संपत्ति के रूप में किया गया था. इस कॉम्प्लेक्स के निर्माण की जानकारी मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड को नहीं दी गई. साथ ही किराएदारों से होने वाली आय का हिसाब भी मप्र वक्फ बोर्ड को नहीं दिया गया. जांच में यह भी पाया गया कि वक्फ संपत्ति और उसकी आय का दुरुपयोग किया गया है.
जारी किए जा रहे हैं नोटिस
मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सांवर पटेल ने कहा कि वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए बनी समितियां मनमाने ढंग से वसूली और खर्च कर रही हैं. इससे वक्फ का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है. प्रदेश की ऐसी सभी समितियों की जांच की जा रही है. दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किए जा रहे हैं.