मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) पर रोक लग गई. शिवराज कैबिनेट (Shivraj Government) की तरफ से प्रस्ताव राजभवन भेजा गया और अध्यादेश वापस लेने की अधिसूचना भी जारी कर दी गई. अब आगे क्या होगा, देखिए
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भोपाल: मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) पर रोक लग गई, जिसके लिए शिवराज कैबिनेट (Shivraj Government) ने रविवार को प्रस्ताव पर मुहर लगाई. प्रस्ताव राजभवन भेजा गया और अध्यादेश वापस लेने की अधिसूचना भी जारी कर दी गई. बता दें सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल (MP Governor) से मुलाकात की थी. अब अगला कदम क्या होगा? इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग (State Election Commision) पंचायत चुनाव पर रोक की आधिकारिक घोषणा आज कर सकता है. इस बीच शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली पहुंच सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह, सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश सरकार के वकील और विधि विशेषज्ञों से चर्चा की.
पहले ही मिल चुके थे चुनाव टालने के संकेत
पंचायत चुनाव टालने के संकेत पहले से ही मिल चुके थे. एक तरफ बीजेपी की दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती इसपर सरकार से असहमत दिखाई दे रही थीं. दूसरी ओर ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी वर्ग की सीटों पर चुनाव पर स्टे लगा दिया था. इसके बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narottam Mishra) ने ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे का हवाला देते हुए कहा था कि पंचायत चुनाव अभी नहीं होने चाहिए. नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि ओमिक्रोन का खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में पंचायत चुनाव टालना ही ठीक होगा. जान से ज्यादा बड़ा कुछ नहीं है. जिसके बाद मंत्रालय में शिवराज कैबिनेट की बैठक हुई और पंचायत चुनाव टालने पर सहमति बनी.
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विपक्ष की सहमति
पता हो ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के ओबीसी वर्ग की सीटों पर चुनाव पर स्टे के बाद सरकार ने विधानसभा में संकल्प पारित किया कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं होंगे. सरकार इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुकी है. शिवराज सरकार द्वारा पंचायत चुनाव पर अध्यादेश वापस लेने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सहमति जताई थी. कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा था कि ''अब हम उम्मीद करते हैं कि ओबीसी वर्ग के साथ न्याय होगा और उनको हक मिलेगा. परिसीमन हो लेकिन शिवराज सरकार ने अड़ियल रवैया अपनाए रखा. इसको लेकर हमने पुरजोर ढंग से सड़क से लेकर सदन तक अपनी बात रखी. सरकार के इस निर्णय का विरोध किया और आखिर आज सत्य की जीत हुई.''.
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