बुरहानपुर में पूर्व मंत्री पर भारी पड़े थे निर्दलीय 'शेरा', इस बार फिर दोनों आमने-सामने, कौन मारेगा बाजी?
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बुरहानपुर में पूर्व मंत्री पर भारी पड़े थे निर्दलीय 'शेरा', इस बार फिर दोनों आमने-सामने, कौन मारेगा बाजी?

MP Assembly Election 2023: बीजेपी और कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए लगभग अपने सभी उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. इसी कड़ी में बुरहानपुर सीट से बीजेपी ने अर्चना चिटनिस और कांग्रेस ने ठाकुर सुरेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है. 

बुरहानपुर में पूर्व मंत्री पर भारी पड़े थे निर्दलीय 'शेरा', इस बार फिर दोनों आमने-सामने, कौन मारेगा बाजी?

MP Assembly Election 2023: बीजेपी और कांग्रेस ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए लगभग अपने सभी उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. इसी कड़ी में बुरहानपुर सीट से बीजेपी ने अर्चना चिटनिस और कांग्रेस ने ठाकुर सुरेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है. अब इस सीट पर काफी रोचक लड़ाई होने वाली है क्योंकि पिछले चुनाव में सुरेंद्र सिंह उर्फ शेरा ने अर्चना चिटनिस को हराया था. उस समय शेरा किसी पार्टी से नहीं बल्कि निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे थे.

बता दें कि 2018 के चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में था, लेकिन ठाकुर सुरेंद्र सिंह ने निर्दलीय मैदान में उतकर ऐसा समीकरण बनाया कि सारे अन्य समीकरण ध्वस्त हो गए. कांग्रेस के प्रत्याशी की तो यहां से जमानत जब्त हो गई. अब कांग्रेस ने उन्हें इस बार टिकट दिया है. देखते है बुरहानपुर की जनता किस पर भरोसा जताती है.

बुरहानपुर सीट का जातिगत समीकरण
बुरहानपुर सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 85 हजार है. इसमें पुरुष मतदाता 1,46,985 और महिला मतदाता 1,39,462 हैं. इसमें सबसे ज्यादा 1 लाख 35 हजार मुस्लिम वोटर, 45 हजार मराठा वोटर,  एससी 45 हजार 600,  45 हजार गुजराती, 6 हजार सिंधी और गुर्जर 6 हजार, राजपूत 2500, ब्राह्मण 2 हजार, माली 25 हजार, एसटी 6 हजार वोटर्स हैं.

अर्चना चिटनिस को चौथी बार टिकट
बता दें कि बीजेपी ने अर्चना चिटनिस को बुरहानपुर विधानसभा से चौथी बार टिकट दिया है.  चिटनीस इससे पहले 2003, 2008 और 2013 में भी विधायक चुनी जा चुकी हैं. इसके साथ ही वो प्रदेश की महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री भी रह चुकी हैं. वहीं अर्चना चिटनीस को भाजपा ने 1998 में उनके पिता की सीट नेपानगर विधानसभा से टिकट दिया था लेकिन वे कांग्रेस प्रत्याशी रघुनाथ चौधरी से महज 251 वोटों से चुनाव हार गईं थीं, इसके बाद वो 2018 में वो दूसरी बार चुनाव हारी.

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कांग्रेस ने शेरा पर जताया भरोसा
वहीं कांग्रेस ने बुरहानपुर विधानसभा सीट सुरेंद्र सिंह शेरा को टिकट दे दिया है. जिसका विरोध भी बुरहानपुर में देखने को मिल रहा है. शेरा को टिकट मिलते ही कांग्रेस के करीब 23 पार्षदों ने इस्तीफा तक दे दिया. कांग्रेसी पार्षदों का कहना हैं कि जो कांग्रेस से बागी होकर लड़ा और जिसकी सरकार गिराने में भूमिका रही उसे टिकट क्यों दिया है. खैर, जो भी हो सुरेंद्र सिंह शेरा पहले भी कांग्रेस में रह चुके हैं. अब देखना होगा कि इस बार वो कांग्रेस से टिकट हासिल करके वो कितनी बड़ी जीत हासिल करते हैं.

2018 में कैसा रहा नतीजा?
बुरहानपुर विधानसभा सीट पर 2018 में चुनाव में पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, कांग्रेस की ओर से रविंद्र महाजन और निर्दलीय ठाकुर सुरेंद्र सिंह उर्फ शेरा भैया मैदान में थे. दो बार की विजेता रही अर्चना चिटनिस को 93,441 मत मिले तो वहीं, सुरेंद्र सिंह को 98,551 मत मिले. इस तरह अर्चना चिटिनस 5, 120 मतों से हार गई.  वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार तो अपनी जमानत भी नहीं बचा सके.

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