लोधीपुरा की संकरी गली से जब मुख्यमंत्री चौहान ठेला लेकर निकले तो यहां के माता-बहनों ने 2-2 और 3-3 मंजिला गैलरी और खिड़कियों से खूब फूल बरसाए.
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इंदौर: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को इंदौर के लोधीपुरा की गली नंबर एक से आंगनबाडी दत्तक अभियान के तहत ठेला लेकर निकले. इस दौरान यहां के सीएम को लोगों ने खिलौनों के अलावा खुले हाथों से ऐसी सामग्री और उपहार भेंट किए, जिसे पाकर मुख्यमंत्री चौहान अभिभूत हो गए. यहां न केवल सामग्री और खिलौने भेंट किए गए, बल्कि कई नागरिकों ने लाखों की राशि के चेक भी दिए. अडॉप्ट ऍन आंगनवाड़ी सुपोषित और शिक्षित भविष्य के लिए इस अभियान में छोटे बच्चों ने भी अपना गुल्लक दान किया.
मुख्यमंत्री चौहान जब लोधीपुरा की गली नंबर एक पहुंचे तो यहां ऐसा माहौल बन गया. मानो कोई त्योहार हो. मां-बहनों ने अपने घरों के बाहर दान में दी जाने वाली चीजों के स्टॉल लगाए थे. महिलाएं, बच्चे और पुरुष पलकें बिछाकर इस पवित्र अभियान का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.
इस दौरान विधायक मालिनी गौड़ पूरे समय उनके साथ रहीं. वहीं जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा, विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, आकाश विजयवर्गीय, पूर्व विधायक मनोज पटेल, जीतू जिराती, गौरव रणदिवे, कलेक्टर मनीष सिंह सहित बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद थे.
गैलरी और खिड़कियों से बरसाए गए फूल
लोधीपुरा की संकरी गली से जब मुख्यमंत्री चौहान ठेला लेकर निकले तो यहां के माता-बहनों ने 2-2 और 3-3 मंजिला गैलरी और खिड़कियों से खूब फूल बरसाए. गली में हाथ में कुछ खिलौने, कुछ एलईडी, पंखे, किताबें, कपड़े, पानी के डिब्बे, टेडी बियर, हाथी, घोड़े और कुछ बैग दान करने के लिए निकल पड़े. बता दें कि इस अभियान में नागरिकों ने तरह-तरह के खिलौने और उपहार देने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
दान की गई सामग्री कलेक्टर के निर्देश पर पहुंचाई जाएगी
मुख्यमंत्री ने लोधीपुरा के नरसिंह बाजार से शीतला माता बाजार तक ठेला चलाकर सामग्री एकत्र की. इतनी मात्रा में सामग्री थी कि मुख्यमंत्री को कहना पड़ा कि सामग्री वाहनों में ही रखी जाए. कलेक्टर के निर्देश पर इसे आंगनबाड़ियों में पहुंचाया जाएगा. शीतला माता बाजार में स्थापित मंच को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं अभिभूत हूं. एक आव्हान पर इतनी सामग्री आ गई.
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि इंदौर वाकई एक अद्भुत शहर है. आंगनबाड़ियों के कई बच्चे कम वजन के हैं, वे कुपोषण के शिकार हैं. ये केवल आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी नहीं है. इसलिए मैं समाज से अपील करने के लिए निकला हूं. इंदौर के लोगों से आव्हान है कि कुपोषित बच्चों को वो अपने जन्मदिन, वर्षगांठ या किसी भी खुशी के अवसर पर दूध या केला खिलाये. साथ ही सक्षम जिले अन्य पिछड़े जिलों के लिए सामग्री उपलब्ध कराएं.