Adivasi Swabhiman Yatra: आदिवासी स्वाभामिन यात्रा के जरिए प्रदेश के आदिवासी वर्ग को साधने में जुटी कांग्रेस आज झाबुआ में आदिवासी सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है. इस सम्मेलन में ही आदिवासी स्वाभिमान यात्रा का समापन होगा. कार्यक्रम में MP PCC चीफ कमलनाथ सभा को संबोधित करेंगे.
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Madhya Pradesh News: भोपाल/आकाश द्विवेदी: कुछ दिनों पहले सीधी पेशाब कांड के बाद सबके फोकस पर आए आदिवासी वर्ग को साधने के लिए सभी पार्टियां जोरों-शोरों से जुटी हुई हैं. प्रदेश की 36 सीटों पर फोकस करते हुए 19 जुलाई से शुरू हुई कांग्रेस की आदिवासी स्वाभिमान यात्रा का आज समापन होने वाला है. प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य जिला झाबुआ में आज कांग्रेस आदिवासी सम्मेलन का आयोजन कर रही है. इसी दौरान आदिवासी स्वाभिमान यात्रा का समापन भी होगा. MP PCC चीफ कमलनाथ यहां जनसभा को संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम में युवा कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष बी वी श्रीनिवास भी शामिल होंगे.
36 सीटों पर फोकस: अपनी आदिवासी स्वाभिमान यात्रा के जरिए कांग्रेस ने प्रदेश के 17 जिलों और 36 सीटों पर फोकस किया. ये सभी जिले और सीटें आदिवासी बाहुल्य हैं. कुछ समय पहले सीधी में एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने का मामला सुर्खियों में आया था. इसके बाद प्रदेश के एक बड़े वोट बैंक यानी आदिवासी समाज पर सबका ध्यान खिंचा. जब मामला सुर्खियों में था तब ही कांग्रेस ने इस वोट बैंक को साधने के लिए आदिवासी स्वाभिमान यात्रा निकालने का फैसला लिया.
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प्रदेश की 47 सीटें आरक्षित
मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 विधानसभा सीटों में से 47 सीट आदिवासी यानी जनजाति वर्ग के लिए रिजर्व हैं, जबकि प्रदेश में 22 प्रतिशत आदिवासी वोटर्स हैं. ऐसे में राजनीतिक दृष्टिकोण से ये बड़ा वोट बैंक है. कांग्रेस ने इसे ध्यान में रखते हुए 17 आदिवासी बाहुल्य जिलों से अपनी यात्रा निकाली. इन जिलों की 36 सीटों पर कांग्रेस का फोकस था, जिनमें सीधी, धौहानी, ब्योहारी, मानपुर, जयसिंहनगर, जैतपुर, अनूपपुर, पुष्पराजगंज, डिंडोरी, शाहपुर, निवास, मंडला, बिछिया, बैहारी, पारसवाड़ा, बारघाट, लखनादोन, अमरवाड़ा, जुन्नारदेव, घोड़ाडोंगरी, भैंसदेही, टिमरनी, हरसूद, पंधाना, नेपानगर, भीकनगांव, भगवानपुरा, सेंधवा, पानसेमल, बड़वानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, गंधवानी, जोबट और झाबुआ सीट शामिल हैं.
प्रदेश में सबसे ज्यादा आदिवासी
साल 2011 में हुई जनगणना के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा आदिवासी की जनसंख्या मध्य प्रदेश में है. वहीं, NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक आदिवासियों पर अपराध के मामले में भी मध्य प्रदेश सबसे आगे है.