बीएल बड़ेरिया ने लोकायुक्त पुलिस को बताया कि शिक्षक कालोनी में सीसी सड़क और नाली निर्माण कराया गया था. जिसका बिल पास करने के लिए रिश्वत की मांग की जा रही थी.
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दमोहः मध्य प्रदेश में लगातार कार्रवाई के बाद भी रिश्वतखोरों के हौसले बुलंद है, दमोह जिले में लोकायुक्त की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. लोकायुक्त की टीम ने दो सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हांथो गिरफ्तार किया गया है. जिले के तेंदूखेड़ा नगर पंचायत के सीएमओ प्रकाश चंद पाठक और उनके एकाउंटेंट जितेंद्र श्रीवास्तव को लोकायुक्त सागर की टीम ने पकड़ा है.
एक लाख की रिश्वत लेते पकड़े गए सीएमओ
दरअसल, नगर पंचायत क्षेत्र में सरकारी ठेकेदार बी एल बड़ेरिया ने सी सी सड़क का निर्माण किया था जिसके भुगतान बिल पेंडिंग पड़े थे. लंबे समय से बिल भुगतान के लिए ठेकेदार मिन्नत कर रहा था. लेकिन उसके बदले ठेकेदार से साढ़े तीन लाख रुपये की मांग की जा रही थी. परेशान ठेकेदार ने लोकायुक्त सागर की शरण ली और लोकायुक्त टीम ने जाल बिछाया तो आज नगर पंचायत के दफ्तर में एक लाख की रिश्वत लेते सीएमओ पाठक को गिरफ्तार किया है. इस मामले में एकाउंटेंट जितेंद्र श्रीवास्तव को भी पकड़ा गया है.
इस तरह पकड़ा
बीएल बड़ेरिया ने लोकायुक्त पुलिस को बताया कि शिक्षक कालोनी में सीसी सड़क और नाली निर्माण कराया गया था. जिसका टोटल भुगतान 30 लाख रुपए किया जाना था. लेकिन निर्माण कार्य होने के बाद भी सीएमओ और इंजीनियर और अकाउंटेंट भुगतान के बदले तीन लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे थे. ऐसे में फरियादी बीएल बड़ेरिया ने मामले की शिकायत लोकायुक्त में की. शिकायत के बाद लोकायुक्त की टीम ठेकेदार के साथ सीएमओ कार्यालय पहुंची. लोकायुक्त टीम ने ठेकेदार को कैमिकल लगे नोट दिए और जैसे ही सीएमओ ने अकाउंटेंट कैमिकल लगे नोटों को लिया, लोकायुक्त टीम ने सीएमओ को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया.
बीएल बड़ेरिया ने बताया कि कमीशन न देने के कारण सीएमओ उनके बिल नहीं पास कर रहे थे. जब लगातार अनुरोध के बाद भी उनके बिल पास नहीं हुए तो मामले की शिकायत लोकायुक्त में की गई.
फरियादी ने बताया कि एक लाख रुपए से पहले भी उसने 54 हजार रुपए पहले भी ले चुके हैं.
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