रेल यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. अगर आप ट्रेन से यात्रा करने वाले हैं तो ये जानकारी जानना आपके लिए जरूरी है. यात्रियों के सफर को आसान और सुगम बनाने के लिए भारतीय रेलवे ने एक और बड़ा फैसला लिया है, जो एक अगस्त से लागू होने जा रहा है.
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नई दिल्ली: 1 अगस्त से देश भर के सभी स्टेशनों पर केटरिंग सर्विस को कैशलेस करने का निर्णय लिया गया है. यानि अब रेलवे स्टेशनों पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले वेंडरों को ऑनलाइन पेमेंट मोड को ही अपनाना होगा. साथ ही अब रेलवे स्टशनों पर वेंडर पानी की बोतल को MRP से अधिक मूल्य पर नहीं बेच पाएंगे. यानि कि अब आपको पानी की बोतल 20 की जगह 15 रुपए में मिलेगी. यात्रियों से पूरी-सब्जी के लिए वेंडर 15 रुपए से ज्यादा नहीं ले सकेंगे. इनमें से किसी भी नियम को तोड़ने पर 10 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान तय किया गया है.
लाइसेंस भी हो सकता है रद्द
रेलवे स्टेशन पर कोई भी वेंडर अब एमआरपी (MRP) से अधिक पैसा नहीं वसूल सकेगा. यात्रियों द्वारा लगातार अधिक मूल्य वसूले जाने की शिकायतों के बाद ये फैसला लिया गया है. हर वेंडर को अपने सामान की रेट लिस्ट स्टॉल पर लगानी होगी. कोई भी वेंडर अगर नियम को तोड़ता है तो जुर्माने के साथ-साथ लाइसेंस रद्द होने का भी प्रावधान है. ये नियम फूड प्लाजा और रेस्टोरेंट में भी लागू होगा. यानि कि अगले महीने की 1 तारीख से रेलवे विक्रेताओं को हर हाल में डिजिटल पेमेंट सिस्टम को एक्टिव करना होगा. वरना भारी जुर्माना झेलना पड़ सकता है. इसके अलावा यात्री खराब और एक्सपायरी खाने की भी लिखित शिकायत कर सकेंगे. कैशलेस पेमेंट होने से यात्री अपना मनपसंद खाना सही कीमतों में खरीद सकेंगे. उन्हें इसके लिए एक्सट्रा पैसा नहीं चुकाना पड़ेगा.
यात्री को बिल देना अनिवार्य
19 मई को रेलवे बोर्ड ने IRCTC और जोनल रेलवे को इसके लिए निर्देश जारी किए थे. खास बात ये है कि जब भी कोई भी यात्री स्टेशन पर कोई भी सामान खरीदेगा तो वेंडर को कम्प्यूटराइज्ड बिल देना अनिवार्य होगा. रेलवे बोर्ड ट्रेनों में नो बिल नो पेमेंट का प्रावधान पहले ही अनिवार्य कर चुका है और अब ये व्यवस्था रेलवे स्टेशनों पर लागू होने जा रही है. इसके लिए सभी विक्रेताओं के पास POS और स्वाइप मशीन होना अनिवार्य है. साथ ही फोन में UPI और Paytm भी होना चाहिए. इस फैसले के बाद वेंडर यात्रियों से मनमाने दाम नहीं वसूल सकेंगे. रेलवे खाने के सामान का रेट भी फिक्स करने जा रहा है. हालांकि बड़े और छोटे शहरों में खाने-पीने के सामान में अंतर रहेगा.
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