मध्य प्रदेश में एक दुर्लभ प्रजाति का सांप मिला है. खरगोन में थैंक्यू नेचर वेलफेयर सोसाइटी ने रेस्क्यू कर वन विभाग को सौंपा. बताया जा रहा है कि जिस प्रजाति का यह सांप वह विलुप्त होने की कगार पर हैं.
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राकेश जायसवाल/ खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के मंडलेश्वर में नर्मदा किनारे बसे जलूद गांव में एक दुर्लभ प्रजाति का सांप मिला है, करैत प्रजाति का सांप पूरी तरह से सफेद हैं. यह करैत प्रजाति का भारत में तीसरा सांप मिला है. वन विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश व मंडलेश्वर क्षेत्र में इस प्रजाति का यह सांप दूसरी बार मिला है. इसे जलूद के राम मंदिर के प्रांगण में देखा गया था. यह सांप 18 इंच का है. थैंक्यू नेचर वेलफेयर सोसाइटी ने इसे रेस्क्यू कर वन विभाग को सौंप दिया. यह दुर्लभ प्रजाति अब विलुप्त होने की कगार पर है.
सांप पकड़ने वाली संस्थान का क्या है कहना
जलूद गांव के राम मंदिर के प्रांगण में करैत प्रजाति का सांप देखते ही सब भौचक्के हो गए थे. यह सांप मध्य प्रदेश में तीसरी बार देख गया है और इसकी लम्बाई 18 इंच तक है. सांप दिखने के बाद जलूद निवासी पंकज सिंह सोलंकी ने मंडलेश्वर की वन्य प्राणी संरक्षक संस्था थैंक यू नेचर वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों को सूचना दी की जलूद स्थित राम मंदिर प्रांगण में सफेद सांप निकला है. संस्था के सदस्य तुरंत वहां पहुंचे और उसे रेस्क्यू किया गया.
भुवनेश्वर में दिखा था यह सांप
संस्था अध्यक्ष महादेव पटेल ने बताया इससे पहले 29 जून 2020 में भी करैत प्रजाति का सफेद सांप मिला था. इसके पहले इस प्रजाति का सांप भुवनेश्वर में देखा गया था, जिसके बाद अब यह सांप खरगोन के जलूद गांव में देखा गया है.
कैसा होता है करैत सांप
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की जानकारी के मुताबिक करैत सांप बहुत शर्मीली प्रकार की होती है. लकिन अगर किसी ने इसके शरीर में दबाव बनाया या छेड़ा तो यह उसे काटने में एक मिनट नहीं लगाती. इसका जहर काफी ख़तरनाक और जहरीला होता है. यह अपनी प्रजति को भी मार डालती है. दुनिया में जितने भी जहरीले सांप हैं उनका एंटी स्नेक वेनम बना हुआ है. जिससे अगर वो कभी काटे तो इंसान की जान बच सके. पर इस सांप का कोई एंटी स्नेक वेनम नहीं बना है. यह लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.