Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के कटनी पिटाई मामले में राजनीति के चक्कर में सब ने मिलकर परिजनों की पहचान उजागर कर उनकी गरिमा तार तार कर दी. बताया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहे दो लोगों में से पोता नाबालिग है, ऐसे में बिना ब्लर किए वीडियो शेयर करने पर सवालों के घेरे में सिर्फ बीजेपी ही नहीं कांग्रेस भी आ जाती है.
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Politics On Katni Pitai Viral Video: मध्य प्रदेश के कटनी पिटाई मामले में जांच का तो पता नहीं, पर सियासत जरूर हाई हो गई है. पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और कई कांग्रेस नेताओं के पीड़ित परिवार से मिलने जाने की बात सामने आने पर भाजपा तिलमिलाई सी लग रही है. बीजेपी का कहना है कि खुद कांग्रेस 15 महीने की सरकार में बैठी रही, अपराध होते रहे. अब राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल कांग्रेस ने कटनी के GRP थाने से एक पुराना वीडियो शेयर किया था. वायरल हुए वीडियो को लेकर लिखा था कितना हृदर विदारक वीडियो है. मनुष्य में कोई जानवर कैसे हो सकता है. इतना विद्रोह, अमानवीय व्यवहार ये कैसा शासक है, जिसके राज में लोगों के साथ इतना अमानवीय व्यवहार हो रहा. इसके बाद से मामले पर तू-तू-मैं-मैं चल रही है.
शासन को चैन से नहीं बैठने देंगे- कांग्रेस
कांग्रेस की तरफ से लगातार बयानबाजी हो रही है. कांग्रेस के पूर्व मंत्री मुकेश नायक का कहना है कि पीसीसी चीफ और मैं कटनी जा रहे हैं. जहां भी ऐसा होगा वहां जाएंगे और शासन को चैन से नहीं बैठने देंगे. इसपर भाजपा ने कहा ये कांग्रेसी अपनी टूटी-फूटी राजनीति चमकाने निकलते हैं. जीतू पटवारी ध्यान दें भाजपा सरकार संवेदनशील हैं, अधिकारी को शासन ने तत्काल लाइन अटैच किया है. साथ ही DIG स्तर के अधिकारी जांच में जुटे हैं. कांग्रेस हर बार जाती धर्म ढूंढ़ लेती है. ऐसे मामलों में भी कांग्रेस का समाज में नफरत फैलाना ही उद्देश्य है. कमलनाथ की 15 माह की सरकार के समय जब चित्रकूट में बच्चे अगवा हुए थे, तब वल्लभ भवन से निकले नहीं थे कमलनाथ. बीजेपी सरकार सब पर कार्रवाई कर रही है और कांग्रेस बस अपनी राजनीति कर रही है.
क्या है पूरा मामला
कटनी जिले से एक वीडियो आया जो कटनी जीआरपी थाने का है, जिसमें एक महिला टीआई बुजुर्ग महिला और उसके पोते को डंडे से बुरी तरह पीटती दिख रही है. इसके बाद सरकार पर दलित उत्पीड़न का आरोप लगने लगा. मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो जांच के आदेश दिए गए. रेलवे एसपी ने मामले पर बताया कि दीपक वंशकार साल 2017 से निगरानी शुदा बदमाश है. पिछले साल दीपक को फरार होने के आधार पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. अप्रैल 2024 में इसे कटनी से जिला बदर करने के आदेश दिए गए और इसकी हिस्ट्रीशीट खोली गई. एमपी पुलिस ने मामले पर डीआईजी स्तर के अधिकारी को जांच सौंप दी और पोस्ट कर लिखा कि वीडियो अक्टूबर 2023 का है. वीडियो में दिख रहे लोग शातिर अपराधी दीपक वंशकार के परिजन हैं. अपराधी दीपक वंशकार पर जीआरपी थाना कटनी में 19 अपराध दर्ज हैं.
तार-तार कर दी गरिमा
बहरहाल इन सब बयानबाजी के बीच सोशल मीडिया पर एक बड़ा सवाल ये भी खड़ा हो रहा है कि राजनीति और आरोप प्रत्यारोप के चक्कर में बिना ब्लर किए वीडियो क्यों शेयर किया गया. जब भी इस तरह के मामले सामने आते हैं तो सत्ता और विपक्ष भुनाने की भरपूर कोशिश करते हैं, जिसमें कई बार संवेदनशीलता को ताक पर रख दिया जाता है. इस बार भी कांग्रेस ने बीजेपी को टारगेट करने के चक्कर में वीडियो शेयर कर दिया. लेकिन वीडियो में मौजूद परिजनों की पहचान छुपाना जरुरी नहीं समझा.