मध्य प्रदेश की हवा में तेजी से घुल रहा जहर, यह शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1035906

मध्य प्रदेश की हवा में तेजी से घुल रहा जहर, यह शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित

मध्य प्रदेश के कुछ शहरों में हवा की गुणवत्ता सुधर नहीं रही है, प्रदेश के कई शहरों की हवा खराब बनी हुई है. 

मध्य प्रदेश के शहरों की हवा खराब

भोपालः मध्य प्रदेश की हवा भी तेजी से प्रदूषित हो रही है, प्रदेश के कई शहरों की हवा भी बेहद खराब हो चली है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ग्वालियर, कटनी और सिंगरौली की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित बताई जा रही है.  जबकि राजधानी भोपाल सहित अन्य कुछ शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर बताया जा रहा है. 

नहीं सुधर रही हवा की गुणवत्ता 
मध्य प्रदेश के कुछ शहरों में हवा की गुणवत्ता सुधर नहीं रही है, मध्यप्रदेश के चार शहरों की हवा सबसे खराब बनी हुई है, जिसमें सिंगरौली की हवा सांस लेने लायक नहीं है, क्योंकि यहां की हवा अब भी सबसे ज्यादा खराब है, सिंगरौली का पीएम 2.5 का स्तर 322 पर है, जो बेहद खराब स्थिति का माना जा रहा है. इस स्तर पर लोगों को सांस लेने में भी परेशानी होती है. 

सिंगरौली की हवा सबसे ज्यादा खराब
मध्य प्रदेश के सिंगरौली शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सबसे ज्यादा खराब है. बता दें कि सिंगरौली में पीएम (PM) 2.5 का स्तर 322  तक पहुंच गया है. बता दें कि पीएम 2.5 का स्तर 200 तक सामान्य माना जाता है लेकिन इसके ऊपर जाना खराब एयर क्वालिटी माना जाता है. नवंबर में प्रदेश के अधिकतर शहरों के हाल खराब रहे हैं. बता दें कि सिंगरौली औद्योगिक शहर है जहां बहुत सी फैक्ट्री लगी हुई है. 

इंदौर की सेहत भी बिगड़ी 
अन्य शहरों की तरह इंदौर की हवा में भी तेजी से बिगड़ रही है, नवंबर माह के ज्यादातर दिन इंदौर में हवा साफ और सेहतमंद नहीं रही, 5 नवंबर को इंदौर में एक्यूआई 319 दर्ज हुआ था. 1 से 20 नवंबर के बीच 200 से 250 के बीच रहा इंडेक्स.  बाकी दिन 100 से 150 के बीच रही एयर क्वालिटी 

वहीं बात अगर अन्य शहरों की जाए तो कटनी में PM 2.5 का स्तर 267 पर पहुंचा हुआ है, जबकि ग्वालियर-चंबल अंचल के प्रमुख शहर ग्वालियर की हवा भी जहरीली बनी हुई है, ग्वालियर में PM 2.5 का स्तर 255 है, इसी तरह औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में PM 2.5 का स्तर 201 बनी हुई है. 

एयर क्वालिटी की गुणवत्ता इस बात पर निर्भर करती है कि उसमें सल्फर और नाइट्रोजन ऑक्साइड की कितनी मात्रा है. सल्फर वाहनों से धुएं से निकलता है. वहीं नाइट्रोजन ऑक्साइड मानवीय क्रियाओं जैसे सीवेज आदि से बढ़ता है. दमा और फेफड़ों से संबंधित अन्य बीमारियों में यह वायु प्रदूषण बेहद गंभीर साबित हो सकता है. इंदौर के साथ भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर में भी वायु प्रदूषण होने से चिंता बढ़ती जा रही है. 

ये भी पढ़ेंः CM शिवराज करेंगे ''क्रांति सूर्य गौरव कलश यात्रा'' का शुभारंभ, जानिए क्यों BJP के लिए अहम है यह अभियान

WATCH LIVE TV

Trending news