Burhanpur Vidhan Sabha Seat: इस सीट पर निर्दलीय बिगाड़ते हैं चुनाव नतीजे, क्या इस बार कांग्रेस-BJP को मिलेगा मौका? जानिए समीकरण
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1885577

Burhanpur Vidhan Sabha Seat: इस सीट पर निर्दलीय बिगाड़ते हैं चुनाव नतीजे, क्या इस बार कांग्रेस-BJP को मिलेगा मौका? जानिए समीकरण

Burhanpur Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की सीट (Burhanpur Seat Analysis) पर वर्तमान में निर्दलीय का कब्जा है. इस बार यहां का क्या समीकरण होगा और इस सीट का क्या इतिहास है यहां जानें. 

Burhanpur Vidhan Sabha Seat: इस सीट पर निर्दलीय बिगाड़ते हैं चुनाव नतीजे, क्या इस बार कांग्रेस-BJP को मिलेगा मौका? जानिए समीकरण

Burhanpur Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly Election results 2023) का ऐलान कभी भी हो सकता है. ऐसे में राजनीतिक दल एक-एक विधानसभा सीट पर तैयारियों में जुटे हैं. इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले की सीट भी काफी चर्चित है. ये विधानसभा सीट राजनीति में खासा महत्व रखती है. ये सीट की पार्टी का गढ़ नहीं रही, यहां समय-समय पर बीजेपी, कांग्रेस, जनता दल, एनसीपी, और निर्दलीय नेताओं का कब्जा रहा है. फिलहाल इस सीट पर निर्दलीय सुरेंद्र सिंह विधायक हैं. 

ताप्ती नदी के तट पर स्थित बुरहानपुर खूबसूरत शहर है. इसे हजरत बुरहानुद्दीन ने बसाया था. इस सीट पर पिछले 4 दशकों में सिर्फ 1 बार कांग्रेस को जीत मिली है. तो वहीं बीजेपी को 2 बार मौका मिला है. 1990 के बाद ज्यादातर यहां से निर्दलीय ने चुनाव जीते हैं. 

बुरहानपुर सीट का जातिगत समीकरण
बुरहानपुर सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 85 हजार है. इसमें पुरुष मतदाता 1,46,985 और महिला मतदाता 1,39,462 हैं. इसमें सबसे ज्यादा 1 लाख 35 हजार मुस्लिम वोटर, 45 हजार मराठा वोटर,  एससी 45 हजार 600,  45 हजार गुजराती, 6 हजार सिंधी और गुर्जर 6 हजार, राजपूत 2500, ब्राह्मण 2 हजार, माली 25 हजार, एसटी 6 हजार वोटर्स हैं.

नेपानगर सीट का राजनीतिक इतिहास
बुरहानपुर सीट पर 1985 के बाद से राजनीतिक इतिहास की बता करें तो पहले चुनाव में कांग्रेस के फिरोजा अजगर अली को जीत मिली थी, लेकिन ये पहली और कांग्रेस की आखिरी जीत थी, क्योंकि तब से अब तक कांग्रेस का यहां खाता नहीं खुला है. वहीं 1990 में जनता दल के ठाकुर शिवकुमार ने जीत हासिल की थी, फिर 1993 में ये सीट निर्दलीय के खाते में गई, इसके बाद 1998 में भी निर्दलीय को जीत मिली. 

Nepanagar Vidhan Sabha Seat: इस सीट से जिसका विधायक प्रदेश में उसकी सरकार, इस बार कौन पड़ेगा भारी? जानिए

साल 2003 में एनसीपी के हमीद काजी ने जीत हासिल की, साल 2008 में बीजेपी का खात खुला और पहली बार अर्चना चिटनिस यहां से जीतीं. इसके बाद 2013 में भी उन्होंने जीत हासिल की, लेकिन साल 2013 में उनको हार का सामना करना पड़ा और निर्दलीय को यहां से जीत मिली. 

2018 में कैसा रहा नतीजा?
बुरहानपुर विधानसभा सीट पर 2018 में चुनाव में पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, कांग्रेस की ओर से रविंद्र महाजन और निर्दलीय ठाकुर सुरेंद्र सिंह उर्फ शेरा भैया मैदान में थे. दो बार की विजेता रही अर्चना चिटनिस को 93,441 मत मिले तो वहीं, सुरेंद्र सिंह को 98,551 मत मिले. इस तरह अर्चना चिटिनस 5, 120 मतों से हार गई.  वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार तो अपनी जमानत भी नहीं बचा सके.

Trending news