MP Election: बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा खुद पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गई है. पहले जूनियर के बाद अब सीनियर नेताओं में भी असंतोष पनप रहा है. उमा भारती के बाद अब रघुनंदन शर्मा ने भी अब पार्टी को लेकर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता से मिलने के लिए किसी के पास टाइम नहीं है
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BJP Jan Ashirwad Yatra In Madhya Pradesh: बीजेपी इस बार भी जन आशीर्वाद यात्रा (Jan Ashirwad Yatra) निकाल रही है. यात्रा की शुरुआत 3 सितंबर से हुई थी. लेकिन इस समय के हालात को देखते हुए लग रहा है कि ये यात्रा भाजपा और सीएम शिवराज सिंह के लिए सुखद अनुभव नहीं है. यात्री के पहले ही दिन से पार्टी में कलह शुरू हो गई, जो 2 ही दिन में और बढ़ती दिख रही है. पार्टी से नाराजगी भरे सुरह निकल रहे है कि सीनियर नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है. उमा भारती के बाद अब रघुनंदन शर्मा ने भी खुलकर नाराजगी व्यक्त की
उमा भारती के बाद रघुनंदन शर्मा का बयान बीजेपी की टेंशन बढ़ा सकता है. उनका कहना है कि बीजेपी ने सीनियर नेताओं को दरकिनार कर दिया है. जन आशीर्वाद यात्रा में नहीं बुलाये जाने पर रघुनंदन शर्मा भड़के हुए हैं. उन्होंने कहा विक्रम वर्मा, सुमित्रा महाजन, कृष्णमुरारी मोघे, रघुनंदन शर्मा, नारायण सिंह केसरी, कैलाश चावला, हिम्मत कोठारी, उमा भारती जैसे नेताओं को लेकर पार्टी ने मान लिया है कि इनका कोई धरातल नहीं है. सीनियर नेताओं का पार्टी में सम्मान नहीं बचा है. सीनियर नेताओं को जन आशीर्वाद यात्रा में नहीं बुलाया. परिवार में सीनियरों को शुभ कार्य में बुलाया जाता है. बुजुर्गों को आशीर्वाद देने के लायक नहीं समझा जा रहा.
रघुनंदन शर्मा ने कहा कि क्या बिगड़ जाता कि सीनियर नेताओं को जन आशीर्वाद यात्रा में बुला लेते. एमपी बीजेपी के सीनियर नेताओं को बुलाने से कार्यकर्ताओं को बल मिलता है. एमपी बीजेपी में काम करने वालों की मानसिकता बदल गई है. रघुनंदन शर्मा ने कहा कि कार्यकर्ताओ को बुलाना चाहिए. सीनियर नेताओं को बुलाया जाना चाहिए. कार्यकर्ताओ को प्रेम मिलना चाहिए. एमपी बीजेपी में कार्यकर्ता के प्रति प्रेम का अभाव है, इसलिये नेता और कार्यकर्ता आज बीजेपी से टूट रहा हैं. आज वेदना है कि कार्यकर्ता टूट रहा, अभी वक्त है पार्टी जाग जाए
सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा दोनों के पास कार्यकर्ता के लिए टाइम नहीं है. मेरे पास लगातार शिकायत आ रही है कार्यकर्ता चार-चार दिन भोपाल में पड़े रहते हैं, उनसे मुलाकात नहीं की जाती. इतना ही नहीं बिसेन के परिवाद वाद पर वकालत पर भी रघुनंदन ने भड़कते हुए कहा कार्यकर्ता का हक न मारे. परिवारवाद और वंशवाद के खिलाफ रही है बीजेपी. परिवार वाद की वकालत करने वाले लोग कार्यकर्ता का हक मार रहे हैं.