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भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र का दौरान कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी (jitu patwari) को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबन कर दिया गया. जिसके बाद कांग्रेस (Mp congress) काफी हमलावर हो गई. पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamalnath) और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह (Goving singh) समेत कई विधायकों ने तो सरकार द्वारा दिए टैबलेट वापिस कर दिए. इस बीज खबर ये आ रही है, अब निलंबन के विरोध में कांग्रेस बड़ा आंदोलन करने वाली है. लेकिन इस बीच गुटबाजी की खबरें भी आ रही है.
दरअसल कांग्रेस का कहना है कि विधायक जीतू पटवारी को बजट सत्र से निलंबन करना अलोकतांत्रिक है और ये बीजेपी की बौखलाहट को दर्शाता भी है. अब कांग्रेस इसे लेकर बड़ा आंदोल करेगी.
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी जी के निलंबन के खिलाफ भोपाल में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं समर्थक जुटे।
शिवराज जी,
ये लोकतंत्र बचाने की लड़ाई है।@jitupatwari pic.twitter.com/jKU2PdbZAm— MP Congress (@INCMP) March 3, 2023
जीतू पटवारी के घर पहुंचे विधायक
निलंबन के बाद तमाम कांग्रेसी विधायक जीतू पटवारी के आवास पर पहुंचे. यहां तय हुआ है कि 13 या 14 मार्च को कांग्रेस प्रदेश में बड़ा आंदोलन करेगी. इसे लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ से बात करने के बाद तारीख तय होगी. कांग्रेस ने कहा कि किसान,जनता के लिए ये बड़ा आंदोलन होगा.
ईंट से ईंट बजा देंगे
वहीं नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए कहा कि बड़े आंदोलन की तैयारी करों. हम ईंट से ईंट बजा देंगे. जीतू पटवारी के लिए जेल जाने को भी तैयार है. अपने क्षेत्र में जाओ लोगों से मिलो. जल्द ही बड़े आंदोलन होगा. मर मिटने के लिए तैयार रहो.
शिवराज की तुलना रावण से
वहीं पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधो ने सीएम शिवराज पर विवादित बयान देते हुए उनकी तुलना रावण से कर डाली. उन्होंने युवाओं से कहा कि सिर पर कफन बांध लो. साधो ने कहा - ये भारत देश है. यहां रावण का भी अंहकार नहीं चला तो सीएम शिवराज का कैसे चलेगा? यूथ को आह्वान करती हूं कि वक्त आ गया है सिर पर कफन बांध लो.
पार्टी में दिखी गुटबाजी
वहीं जीतू पटवारी के निलंबन के विरोध में कांग्रेस के विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस की एकजुटता देखने को ही नहीं मिली. विपक्ष की तरफ से एमपी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में कांग्रेस के सिर्फ 48 विधायकों ने सिग्नेचर किया है. जबकि 47 विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव में सिग्नेचर नहीं किए है. वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ समेत कई विधायक सदन में आज नदारद नजर आए. अब इसे बॉयकॉट समझा जाए या कांग्रेस की गुटबाजी ये तो आने वाले वक्त में पता चल जाएगा.