Kuno Cheetah Death: सामने आया कूनों में चीतों की मौत का सच, नामीबिया की टीम ने किया खुलासा
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Kuno Cheetah Death: सामने आया कूनों में चीतों की मौत का सच, नामीबिया की टीम ने किया खुलासा

MP News: कूनो नेशनल पार्क में लगातार हो रही चीतों की मौत का सच सामने आया है. अब नामीबिया की टीम ने नया कारण खोज निकाला है. इससे नेशनल पार्क की टीम भी सावधान हो गई है.

 

Kuno Cheetah Death: सामने आया कूनों में चीतों की मौत का सच, नामीबिया की टीम ने किया खुलासा

MP Kuno National Park: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क में लगातार हो रही चीतों की मौत ने सबको हैरान कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी (PM Modi) के ड्रीम पर प्रोजेक्ट के चलते चीतों की मौत ने सरकार को चिंता में डाल दिया है. नेशनल पार्क मैनेजमेंट लगातार मौतों का कारण पता लगाने में जुटा है, लेकिन नामीबिया से आई एक रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया है. इस रिपोर्ट में हाल ही में एक हुई एक मादा चिता धात्री की मौत का कारण बताया गया है.  

CCF नामीबिया ने ट्वीट कर धात्री की मौत का कारण बताया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लाईलार्वा संक्रमण से कीड़े पड़ने से मादा चीता धात्री की मौत हुई थी. इस बात का खुलासा धात्री की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुआ है. कीड़ों के संक्रमण फैलने के कारण मौत हुई थी. चीता कंजर्वेशन फंड ने देर रात ट्वीट कर जानकारी दी है.पोस्टमॉर्टम के दौरान कुनो के डॉक्टरों के साथ CCF की टीम भी मौजूद थी.

ऐसे हुई थी मौत
CCF ने बताया कि पार्क की टीम के साथ उनकी टीम के लोग पिछले 10 दिनों से धात्री को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास कर रहे थे. धात्री ने इस दौरान जंगल में शिकार भी किया था. फ्लाई लार्वा के खतरे को देखते हुए बाकी चीतों की गर्दन से कॉलर ID हटा दी गई थी. अब बेहतर सामग्री से बने कॉलर का परीक्षण कर उपयोग में लाया जाएगा. टीम लगातार स्वास्थ्य की निगरानी कर रही है. खुले जंगल में घूम रहे मादा चिता को भी बाड़े में लाने का प्रयास किया जा रहा है.

पहले भी सामने आई थी यही वजह
प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट के तौर भारत में चीतों को एक बार फिर से बसाने की पहले शुरू की गई थी. इसके लिए नामीबिया और साउथ अफ्रिका से चीते लगाए गए हैं, लेकिन पिछले 5 महीने में 9 चीतों की मौत हो चुकी है. हालांकि अब तक सही कारण का पता नहीं चल सका है. तों की मौत के बाद जांच कमेटी का गठन किया गया था. विशेषज्ञों की जांच से पता चला है कि कॉलर आईडी के इंफेक्शन की वजह से चीते बीमार हो रहे हैं.

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