धर्मांतरण पर रोक के लिए PFI जैसे संगठनों की फंडिंग की होगी जांच! JNU को लेकर गृह मंत्री ने कही ये बात
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धर्मांतरण पर रोक के लिए PFI जैसे संगठनों की फंडिंग की होगी जांच! JNU को लेकर गृह मंत्री ने कही ये बात

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा धर्मांतरण कराने की शिकायतें मिल रही हैं.

फाइल फोटो

आकाश द्विवेदी/भोपालः मध्य प्रदेश में धर्मांतरण के मुद्दे पर सरकार ने सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए हैं. बता दें कि प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आज बड़ा बयान देते हुए कहा कि "विदेशों से फंडिंग आती है और विदेशी फंडिंग का गलत उपयोग कर धर्मांतरण कराने वाले एनजीओ  और PFI जैसे संगठनों की भूमिका की पूरी जांच की जा रही है. जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी."

विदेशी फंडिंग पर सख्त सरकार!

हाल ही में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) द्वारा धर्मांतरण कराने की शिकायतें मिल रही हैं और इस काम में विदेशी धन का इस्तेमाल किए जाने की जानकारी मिली है. इसकी जांच की जाएगी कि धन कहां से आ रहा है और इसे कहां खर्च किया जा रहा है? बता दें कि बीते दिनों में एमपी के खरगोन, झाबुआ जिलों में धर्म परिवर्तन के मामलों ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. जिसमें पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार भी किया था. 

गंजबासौदा धर्मांतरण मामले पर गृहमंत्री ने कहा कि इस घटना की जांच की जा रही है. इस मामले में 4 लोगों को हिरासत में लिया गया है. ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति ना हो, इसकी भी कोशिश की जाएगी. बता दें कि विदिशा जिले के गजबांसौदा में एक मिशनरी स्कूल पर दक्षिणपंथी संगठन के लोगों द्वारा पथराव की घटना सामने आई थी. स्कूल पर आरोप है कि स्कूल में 8 बच्चों का धर्म परिवर्तन कराया गया. जिससे गुस्साए दक्षिणपंथी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा स्कूल पर पथराव किया गया. हालांकि जब पथराव हुआ, उस वक्त स्कूल में बच्चे परीक्षा दे रहे थे. 

JNU को लेकर कही ये बात
6 दिसंबर को जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्र संघ द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में बाबरी मस्जिद फिर से बनाने की मांग हुई. इस कार्यक्रम की वीडियो सामने आई है. जब इस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जेएनयू देश विरोधी वामपंथी विचारधारा का अड्डा बन गया है. जेएनयू में देश के खिलाफ बोलना देश विरोधी क्रोनोलॉजी है. जेएनयू में जनता की गाढ़ी कमाई पर मुफ्त की पढ़ाई का परिणाम है ये विचारधारा. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद जेएनयू छात्र संघ के द्वारा इस प्रकार की नारेबाजी देशद्रोह है.  

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