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आकाश द्विवेदी/भोपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन यानी 17 सितंबर को मध्य प्रदेश के दौरे पर रहेंगे. इसी दिन कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीकन चीतों की शिफ्टिंग होगी. PM इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. अब PM के दौरे के लिए भोपाल और श्योपुर में तैयारियां तेज हो गई हैं. श्योपुर में 7 हेलीपैड बनाए जा रहे हैं. इसमें 3 नेशनल पार्क के अंदर बन रहे हैं.
भारत में अब फिर दिखेंगे चीते, नामीबिया से एमपी के इस नेशनल पार्क में लाए जाएंगे
प्रचलित तकनीक से बयासा जाएगा
कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाये गये चीतों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचलित तकनीक के अनुसार ही बसाया जायेगा. पहले बाड़े में दो नर चीते छोड़े जाएंगे और दूसरे बाड़े में एक मादा चीता को छोड़ा जाएगा. वन विभाग के अधिकारियों को नामीबिया की चीता प्रबंधन तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया है. जिसमें चीतों की बसाहट के लिए कूनो में तैयारियां पूरी कर ली गई है.
यह हमारे लिए अत्यंत हर्ष और गर्व का विषय है कि मा.प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी 17 सितम्बर को अपने जन्मदिन के शुभ अवसर पर मध्यप्रदेश पधारेंगे।
आनंद व उत्सव की इस अद्वितीय घड़ी में नामीबिया से लाये जा रहे चीते, श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश कराये जायेंगे।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 6, 2022
वैक्सीन लगाया गया
आस पास के गांव में पशुओं का टीकाकरण किया गया है. ताकि इससे पशुओं में संक्रमण न फैले. इसके अलावा कूनो में वन्य-प्राणियों का घनत्व बढ़ाने के लिए नरसिंहगढ़ से चीतल लाकर छोड़े गए है. वहीं वन विभाग के अधिकारियों को नामीबिया की चीता प्रबंधन तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया है.
देश में 70 साल बाद आएंगे चीते
गौरतलब है कि भारत में चीते विलुप्त हो चुके हैं. अफ्रीका से चीतों को वापस देश में बसाने के लिए सबसे उपयुक्त कूनो पालपुर नेशनल पार्क को चुना गया है. 70 साल बाद चीतों की फिर से वापसी होगी. भारत में आखिरी बार 1950 में चीता छत्तीसगढ़ राज्य में देखा गया था. इसके बाद ये देश में कहीं नजर नहीं आए.
8 चीते देगा नामीबिया
बता दें कि चीते लाने के लिए मध्य प्रदेश और अफ्रीकी देश नामीबिया के बीच करार हुआ है, जहां विल्पुत हो चुके चीतों की प्रजातियां भी पाई जाती है. नामीबिया मध्य प्रदेश को 8 चीते देगा. इन ससभी चीतों को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा जाएगा. चीतों को लाने की प्रदेश में तैयारियां तेज हो गई हैं, सभी को चार्टेड प्लेन से लाने की तैयारी की जा रही है. सबसे पहले इन चीतों को ग्वालियर लाया जाएगा, इसके बाद सड़क मार्ग से उन्हें कूनो राष्ट्रीय पार्क ले जाया जाएगा. बताया जा रहा है कि पांच साल तक इनके रखरखाव पर 75 करोड़ रुपए खर्च होंगे.