President Draupadi Murmu in MP: मध्य प्रदेश के शहडोल में आज जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम मनाया जा रहा है. इस आयोजन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगी. इस दौरान वह प्रदेश के आदिवासियों को बड़ी सौगात देंगी.
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President Draupadi Murmu in MP: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पद संभालने के बाद पहली बार मध्य प्रदेश के दौरे पर आ रही हैं, महामहिम आज शहडोल में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगी, इस दौरान वह प्रदेश के आदिवासियों को बड़ी सौगात देंगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगूभाई पटेल भी कार्यक्रम में शामिल होंगे. आज से प्रदेश में पेसा एक्ट लागू हो जाएगा, जिससे प्रदेश के आदिवासी वर्ग को बड़ा फायदा मिलेगा.
1 लाख से ज्यादा लोग जुटेंगे
राष्ट्रपति सबसे पहले दिल्ली से जबलपुर पहुंचेंगी, जहां सीएम शिवराज उनकी अगवानी करेंगे. इसके बाद वह शहडोल पहुंचेगी. यहां पेसा एक्ट नियम लागू करेंगी और उसके बाद शाम को राजधानी भोपाल रवाना होंगी. जहां राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में महामहिम पारंपरिक तरीके से स्वागत होगा. शहडोल में आयोजित होने वाले राष्ट्रपति के कार्यक्रम में आज एक लाख से भी ज्यादा लोगों के पहुंचने की संभावना है. प्रदेश के दूसरे जिलों से भी लोगों को लाया जा रहा है, जिनके लिए सभी व्यवस्थाएं राज्य सरकार की तरफ से की गई है. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार इस आयोजन की तैयारियों में जुटे थे.
आज के कार्यक्रम में क्या होगा खास
जानिए क्या है पैसा एक्ट?
बता दें कि पेसा एक्ट के तहत स्थानीय संसाधनों पर स्थानीय अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों की समिति को अधिकार दिए जाएंगे. जिससे अनुसूचित जाति और जनजाति वाली ग्राम पंचायतों को सामुदायिक संसाधन जैसे जमीन, खनिज संपदा, लघु वनोपज की सुरक्षा और संरक्षण का अधिकार मिल जाएगा. पेसा एक्ट लागू होने के बाद सामुदायिक वन प्रबंधन समितियां वर्किंग प्लान के अनुसार, हर साल माइक्रो प्लान बनाएंगे और उसे ग्राम सभा से अनुमोदित कराएंगे. गौरतलब है कि सामुदायिक वन प्रबंधन समिति का गठन भी ग्राम सभा द्वारा किया जाएगा.
तेंदूपत्ता बेचने पर भी मिलेगा फायदा
राज्य में तेंदूपत्ता बेचने का काम भी वन समिति करेगी. बता दें कि पेसा एक्ट 24 अप्रैल 1996 को बनाया गया था और कई राज्यों में यह पहले से लागू है. पेसा कानून को लाने का उद्देश्य आदिवासी बहुल क्षेत्रों में स्व-शासन को मजबूती देना है. देश के 10 राज्यों में यह कानून लागू है. अब मध्य प्रदेश सरकार ने इस कानून को राज्य में पूरी तरह से लागू करने का ऐलान कर आदिवासियों को बड़ी सौगात दी है. पेसा कानून के तहत ग्राम सभाओं को आदिवासी समाज की परंपराओं, रीति रिवाज, सांस्कृतिक पहचान, समुदाय के संसाधन और विवाद समाधान के लिए परंपरागत तरीकों के इस्तेमाल के लिए सक्षम बनाया गया है. जनजातीय ग्राम सभाओं को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास के काम में अनिवार्य परामर्श की शक्ति दी गई है. साथ ही खदानों और खनिजों के लाइसेंस/पट्टा देने के लिए ग्राम सभा को सिफारिशें देने का अधिकार दिया गया है.