Raksha Bandhan 2023: इस साल रात में क्यों मनाई जाएगी राखी? भूलकर न करें गलती; जानें ज्योतिषाचार्य के उपाय
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Raksha Bandhan 2023: इस साल रात में क्यों मनाई जाएगी राखी? भूलकर न करें गलती; जानें ज्योतिषाचार्य के उपाय

Raksha Bandhan 2023: इस बार बन रहे खास संयोग के कारण राखी का त्यौहार दिन में नहीं बल्की रात में मनाया जाएगा. जानिए, विश्व विख्यात ज्योतिषाचार्य एवं पंडित आनंद शंकर व्यास से की क्या है इसके पीछे का कारण.

Raksha Bandhan 2023: इस साल रात में क्यों मनाई जाएगी राखी? भूलकर न करें गलती; जानें ज्योतिषाचार्य के उपाय

Raksha Bandhan 2023: राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन। साल में एक बार आने वाला भाई बहन का त्यौहार इस बार दिन में नहीं बल्की रात में मनाया जाएगा. ऐसा इस बार बन रहे गृहों के खास संयोग के कारण हो रहा है. इस बार सुबह 10 बजे से पूनम लग रही है. लेकिन, इसी वक्त से भद्रा भी शुरू हो रहे हैं. इस कारण इस समय राखी बांधना धर्म संगत नहीं है. इस संबंध में हमने बात की उज्जैन के विख्यात ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास से और जाना इसका कारण के साथ उपाय.

पूनम और भद्रा एक साथ
इस बार सुबह 10 बजे से पूनम लग जाएगी. राखी पूनम लगने पर ही बांधी जाती है. लेकिन, इस बार सुबह 10 बजे से ही भद्रा लग रही है जो रात 08 बज कर 50 मिनट तक रहेगी. भद्रा अशुभ काल है जिसमें राखी बांधना उचित नहीं होता. मनुष्य ही नहीं इस बार देवताओं को भी रात में ही राखी बांधी जाएगी.

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क्या भद्रा के पहले राखी बांधी जा सकती है?
ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास का कहना है कि राखी सुबह भी नहीं बांधी जा सकती. क्योंकि, बदरा के पहले चौदस है और चौदस में राखी नहीं बांधी जाती. इसलिए शुभ मुहूर्त रात 8:50 के बाद ही है.

राखी पर्व का महत्व
ज्योतिषाचार्य एवं पंडित आनंद शंकर व्यास पर्व का महत्व बताते हुए कहा कि 'यूं तो राजा बलि से संबंधित इसकी कथाएं हैं. लेकिन, आज के समय की बात करें तो बहन अपने भाई से राखी बंधवाकर या राखी बांधकर यह प्रार्थना करती है कि मैं आपके घर से तो दूर चली गई हूं या जाऊंगी और दूसरे घर को अपने घर समझ उनके नियमों का पालन कर रही हूं, करूंगी. मेरी हर पीड़ा, हर कष्ट में मेरा ध्यान रखना मेरी रक्षा करना.

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31 तारीख को कोई मुहूर्त नहीं
सनातन धर्म में प्रथम पूज्य श्री गणेश राखी सबसे पहले भगवान राखी बंधेगी. उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर के बाहर बड़ा गणेश मंदिर पर सबसे पहले राखी बंधेगी. इसके बाद सभी लोग पर्व को मनाएंगे. बड़ी संख्या में बहनों का तांता बड़ा गणेश मंदिर पर लगता है. इस दिन रात में रखी बांधी जाएगी. ऐसा वही लोग करेंगे धर्मशास्त्र और नियमों के मार्ग पर चलने वाले लोग होंगे. इसका मुहूर्त सिर्फ 30 तारीख की रात का है. 31 तारीख को कोई मुहूर्त नहीं है.

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